अन्ना हजारे फिर लौटेंगे दिल्ली, PM नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किया आगाह
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति न होने, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सशक्त कानून न बनाए जाने तथा किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर अमल नहीं होने से क्षुब्ध गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि वह इन मांगो को लेकर दिल्ली में फिर से जन आंदोलन करेंगे।
अन्ना हजारे ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बाकायदा चार पेज की एक चिट्ठी भेजी हैष पत्र में अन्ना ने लिखा है कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखते हुए देश की जनता ने अगस्त 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान पर और पूरे देश में ऐतिहासिक आंदोलन की शुरुआत की थी। जनशक्ति के इस आंदोलन के कारण तत्कालीन यूपीए सरकार के शासन में लोकपाल, लोकायुक्त का कानून 17 दिसंबर, 2013 को राज्यसभा में और 18 दिसंबर, 2013 को लोकसभा में पारित हो गया। उसके बाद पहली जनवरी, 2014 को राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर भी कर दिए थे। उसके बाद 26 मई, 2014 को नई सरकार सत्ता में आई। नई सरकार से जनता को बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन ये पूरी नहीं हुईं। आश्चर्यजनक बात यह है कि जिन राज्यों में विपक्ष की सरकारें हैं, वहां तो नहीं, लेकिन जिन राज्यों में आपकी पार्टी की सरकारें हैं, वहां भी नए कानून के तहत लोकायुक्त नियुक्त नहीं किए गए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि आपके पास लोकपाल, लोकायुक्त कानून पर अमल करने के लिए इच्छाशक्ति का अभाव है। आपकी कथनी और करनी में अंतर आ गया है।
अन्ना ने राजनीतिक पार्टियों को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने, भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सत्ता के विकेंद्रीकरण को तेज करने, राइट टू रिजेक्ट और राइट टू रिकॉल तथा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भी सशक्त कानून लाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसके पहले 28 मार्च, 2017 को मैंने आपको पत्र लिखा था कि अगर लोकपाल और लोकायुक्त कानून पर अमल नहीं होता है तो मेरा अगला पत्र दिल्ली में होने वाले आंदोलन के बारे में होगा। उसी पत्र के मुताबिक मैंने समाज और देश की भलाई के लिए दिल्ली में आंदोलन करने का निर्णय लिया है। जब तक उपरोक्त मुद्दों पर जनहित में सही निर्णय और अमल नहीं होते, तब तक मैं दिल्ली में अपना आंदोलन जारी रखूंगा। अगले पत्र में आंदोलन की तारीख तथा स्थल के बारे में आपको अवगत करा दिया जाएगा। अन्ना हजारे ने इस पत्र की प्रति राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष तथा राज्यसभा के सभापति को भी भेजी है।