'पकौड़ा पॉलिटिक्स करने वालों के पास मुस्लिमों के लिए ही है 56 इंच का सीना'- ओवैसी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: फिल्म पद्मावत को लेकर कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन चल रहें हैं। जहां एक तरफ विपक्ष लगातार इस मसले को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहा है वहीं सरकारें खामोश हैं। खासकर केन्द्र सरकार की चुप्पी पर सवाल उठने लगे हैं। इस बीच असदुद्दीन ओवैसी ने नरेन्द्र मोदी की पकौड़ा पॉलिटिक्स पर तंज किया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- 'जो कुछ भी हो रहा है, वह और कुछ नहीं बल्कि भाजपा की 'पकौड़ा' पॉलिटिक्स है। प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी ने इन प्रदर्शनकारियों के सामने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया है।' उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा,जिन लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं, वे बसें जला रहे हैं। जबकि दावोस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि रेड कार्पेट है। हां रेड कार्पेट तो है, लेकिन यह बसें जलाने वाले ऐसे गुंडों के लिए है।
ओवैसी ने आगे कहा- जब हम कहते हैं कि तीन तलाक पर हमारी भावनाएं आहत हो रही हैं तो हमारी नहीं सुनी जाती, लेकिन राजपूतों के कहने पर फिल्मों से सीन तक काटे जा रहे हैं। मैं पीएम से पूछता हूं कि क्या वे सिर्फ राजपूतों की भावनाएं देख रहे हैं, मुस्लिमों की नहीं। प्रधानमंत्री का सीना 56 इंच का तो है लेकिन वह राजपूतों के सामने फेल हो गया है।
गौरतलब है कि ओवैसी ने दो दिन पहले वारंगल में 'पद्मावत' को एक 'मनहूस' और 'गलीज' फिल्म करार देते हुए इसे ना देखने की अपील की थी। ओवैसी ने कहा था कि पद्मावत एक बकवास फिल्म है, जिसे देखना केवल वक्त और पैसे की बर्बादी ही है।
पकौड़ा पॉलिटिक्स क्यों?
दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ खबरिया चैनलों को अपना साक्षात्कार दिया था। इसमें उन्होंने पकौड़ा तलने को भी एक रोजगार के तौर पर सामने रखने की वकालत की थी। पीएम मोदी ने रोजगार के अवसर पैदा करने के सवाल पर कहा था कि कोई व्यक्ति अगर पकौड़े बेचता है तो क्या वह रोजगार नहीं? इसी दौरान उन्होंने कहा कि 200 रुपए के पकौड़े बेचने वाला भी कारोबारी है। यही पकौड़ा रोजगार अब उन पर कटाक्ष का जरिया बन गया है। यहां ओवैसी बेरोजगारी को पकौड़ा रोजगार से जोड़कर ही पकौड़ा पॉलिटिक्स पर वार कर रहें हैं।