कांग्रेस ने एनएसए अजीत डोभाल के पुत्र पर उठाया सवाल, आरबीआई से मांगा FDI का पूरा ब्योरा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के पुत्र विवेक डोभाल द्वारा 2016 में नोटबंदी के तुरंत बाद केमन द्वीप समूह में हेज फंड शुरू करने और भारत में उसके बाद वहां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में भारी इजाफा होने के बीच जुड़ाव होने का आरोप लगाया है। पार्टी ने गुरुवार को भारतीय रिजर्व रिजर्व बैंक (आरबीआई) से टैक्स हैवन से आने वाली रकम का स्रोत सार्वजनिक करने की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आरबीआई के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि 2000 से लेकर 2017 तक भारत को केमन द्वीप समूह से 8,300 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ, जबकि नोटबंदी के बाद महज एक साल में भारत ने वहां से इतनी ही रकम प्राप्त की। रमेश ने मीडिया को बताया, प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने के 13 दिनों के भीतर विवेक डोभाल ने 21 नवंबर 2016 को केमन द्वीप समूह में जीएनवाई एशिया नाम से हेज फंड शुरू किया। भाजपा की 2011 की समिति की रिपोर्ट के अनुसार, केमन द्वीप समूह एक टैक्स हैवन है। टैक्स हैवन यानी कर स्वर्ग शब्द का इस्तेमाल उन देशों के लिए किया जाता है जहां आसानी से काला धन छिपाया जा सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, एफडीआई में अनपेक्षित वृद्धि और विवेक डोभाल के हेज फंड पर गंभीर संदेह पैदा होता है। आरबीआई को इसमें जीएनवाई एशिया की भूमिका को अवश्य स्पष्ट करना चाहिए। इसलिए हम पिछले साल केमन द्वीप समूह से प्राप्त एफडीआई का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग करते हैं। रमेश ने भारत से पैसे भेजने और नोटबंदी के बाद वापस लाने में विवेक डोभाल के हेज फंड की संलिप्तता पर संदेह जाहिर किया।
उन्होंने कहा, मोदी सरकार का दावा है कि वह कालाधन पर लगाम कस रही है और वह धन शोधन के लिए कंपनियों को केमन द्वीप समूह जैसे टैक्स हैवन का इस्तेमाल नहीं करने देगी। लेकिन यह ठोस सबूत है कि उनकी सरकार के लोग इस कार्य में संलिप्त हैं, खासतौर से नोटबंदी के बाद। उन्होंने जीएनवाई एशिया और डोभाल के दूसरे पुत्र शौर्य डोभाल की अगुवाई वाली केमन की एक और कंपनी जीअस स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड के बीच जुड़ाव का भी आरोप लगाया है।
रमेश ने कहा, एनएसए अजीत डोभाल और उनके पुत्रों को एफडीआई की आमद बढ़ने में न सिर्फ अपनी कंपनियों की भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए बल्कि विवेक की कंपनी में निदेशक डॉन डब्ल्यू. इ-बैंक्स के बारे में भी जवाब देना चाहिए, जिनका नाम पनामा पेपर्स में पाया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि 2011 में इंडियन ब्लैक मनी एब्रॉड : सीक्रेट बैंक्स एंड हैवंस पर भाजपा की एक समिति की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें अजीत डोभाल भी सदस्य थे।