नोटबंदी पर काम ना आई केन्द्र की दलील, सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगाने से किया इनकार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: केन्द्र ने कोशिश तो पूरी की, लेकिन उसकी दलील इतनी भी जोरदार नहीं रही की सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्टे ऑर्डर लग जाए। दरअसल, केन्द्र चाहती है कि अन्य न्यायालयों में दायर नोटबंदी विरुद्ध याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय रोक लगा दे। लेकिन बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने नोटबंदी मामले में झटका देते हुए विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं पर कार्यवाही पर रोक लगाने के केंद्र के अनुरोध को यह कहकर खारिज कर दिया कि इससे याचिकाकर्ताओं को त्वरित राहत मिल सकती है।
कोर्ट ने केन्द्र की स्थानांतरण याचिका पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में नोटबंदी को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। शीर्ष अदालत ने नोटबंदी पर दायर याचिका की सुनवाई के लिए 2 दिसंबर की तारिख मुकर्रर की है।
सुनवाई के दौरान CJI ने केंद्र से पूछा, अब देश में हालात कैसे हैं? कोर्ट ने केंद्र से पूछा - अब तक कितने रुपये जमा हुए हैं। अगर दस लाख करोड़ जमा हो जाएं तो क्या सरकार इसे अपनी सफलता मानेगी? कोर्ट ने पूछा - किसानों को लेकर बीज आदि के लिए क्या कदम उठाएं गए हैं?
केंद्र की ओर से AG मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया - हालात अब बेहतर हो रहे हैं। बैंकों में लाइन कम हो गई है. 10 दिनों में ही 16 लाख करोड़ में से 6 लाख करोड जमा हुए हैं।
एजी ने कहा - सरकार को कुल 10 लाख करोड़ जमा होने की उम्मीद है। बैंकों के पास ज्यादा पैसा होगा और लोन के लिए ब्याज दर कम होगी। देश के हर हिस्से में डिजिटल इस्तेमाल में भी बड़ा उछाल आया है। दुनिया में कैश मार्केट GDP का 4 फीसदी है और भारत में 12 फीसदी है। 70 साल में जो धन इकट्ठा हुआ है हालात सामान्य होने में 20-30 दिन लगेंगे।
एजी ने कोर्ट को बताया कि दिक्कत कैश को ट्रांसपोर्ट करने की है। सरकार हालात पर रोजाना नहीं बल्कि घंटे के हिसाब से नजर रख रही है। AG ने कहा कि हाईकोर्ट में चल रहे मामलों पर रोक लगानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग मांगों को लेकर लोग कोर्ट पहुंचे हैं। लिहाजा हम रोक नहीं लगाना चाहते। अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट नोटबंदी मामले में उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें केंद्र सरकार ने देश भर की हाई कोर्ट और निचली अदालतों में नोटबंदी के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट या किसी हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है।