काश! मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ पाता : PC
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी में हर कोई नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहता है। आनंद शर्मा, दिग्विजय, राशिद अल्वी के बाद अब वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी अफसोस जताते हुए कहा कि काश! उन्हें भी हिन्दी आती और वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ पाते।
चिदंबरम सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेता यशवंत सिन्हा के उनसे महंगाई, आर्थिक वृद्धि एवं नौकरियों के मोर्चे पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। चिदंबरम ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि देश का अगला वित्त मंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद का नहीं होने जा रहा है।
मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने के सवाल पर चिदंबरम ने कहा, 'काश! मैं वाराणसी से चुनाव लड़ सकता था। लेकिन मुझे हिन्दी नहीं आती। लेकिन मुझे यकीन है कि मोदी भी शिवगंगा से चुनाव नहीं लड़ना चाहेंगे।' लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने और शिवगंगा की अपनी सीट बेटे कार्ति को सौंपने पर चिदंबरम ने कहा कि उन्हें जीवन में कुछ और भी काम करने हैं, इसलिए उन्होंने यह चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। चिदंबरम ने दो-टूक शब्दों में कहा कि उनका राजनीति से संन्यास लेने का अभी कोई इरादा नहीं हैं।
चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी की यह कहकर भी आलोचना की कि वह जिस प्रकार के उदारवाद की बात कर रहे हैं, वह 'क्रोनी कैपिटलिज्म' है। उनका मकसद सिर्फ कारोबारियों के एक समूह को ही संतुष्ट करना है। उन्होंने कहा कि कारोबारी समुदाय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के साथ संतुष्ट है और मोदी उनके एक समूह को ही संतुष्ट कर सकते हैं।
चिदंबरम ने कहा, 'कारोबारी मनमोहन सिंह और उनके वित्त मंत्री के साथ खुश हैं। कारोबारियों का एक निश्चित समूह ही है, जो भाजपा और नरेंद्र मोदी के साथ सुविधा महसूस करता है। मोदी जिस ब्रांड के उदारवाद की बात कर रहे हैं, वह क्रोनी कैपिटलिज्म है।'