कांग्रेस काल में हुए मुस्लिम विरोधी दंगे पर बोले खुर्शीद- हां, हमारे दामन पर हैं खून के धब्बे
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अलीगढ़: कांग्रेस जहां एक तरफ संविधान बचाओ अभियान के जरिए बड़े तबके को साधने में लगी है वहीं उनके वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने ऐसा बयान दिया है जो फिलहाल पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पहुंचे खुर्शीद से एक पूर्व छात्र ने कांग्रेस के शासन काल के दौरान बाबरी मस्जिद विध्वंस और सांप्रदायिक दंगों को लेकर सवाल पूछा। जिसके जवाब में सलमान खुर्शीद ने माना कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के धब्बे हैं।
एएमयू में आयोजित सलमान खुर्शीद के कार्यक्रम में एक पूर्व छात्र आबिर मिंटोई ने कांग्रेस के शासन काल के दौरान मुसलमानों के साथ हुए अन्याय का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल के दौरान एएमयू के कानून में पहली बार बदलाव हुआ, हाशिमपुरा, मुजफ्फरनगर दंगे हुए, बाबरी मस्जिद के दरवाजे खुले, उसमें मूर्तियां रखी गईं। सब कांग्रेस के शासन काल के दौरान हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दामन पर ये जो खून के धब्बे हैं उस पर उनका क्या कहना है। इन्हें कांग्रेस कैसे धुलेगी ?
इसके जवाब में सलमान खुर्शीद ने कहा, 'हमारे दामन पर खून के धब्बे हैं। इसी वजह से आप हमसे कह रहे हैं कि अगर कोई आप पर वार करे तो उसे बढ़कर रोकना नहीं चाहिए ? तुम समझो कि ये धब्बे हम पर लगे हैं तुम पर ना लगे। तुम वार इन पर करोगे और धब्बे तुम्हारे ऊपर लगेंगे। हमारे इतिहास से सीखो और समझो और अपनी हालत ऐसा न करो कि 10 साल बाद यूनिवर्सिटी आओ तो तुमसे ऐसे सवाल पूछने वाला कोई ना मिले।'
इस बीच खुर्शीद के इस बयान पर आरएसएस हमलावर हो गई है। आरएसएस ने ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कहा, 'सलमान खुर्शीद को साफतौर पर यह कहना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी वोटबैंक, तुष्टीकरण की राजनीति, सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ाने की राजनीति करती रही है। यदि इसे सलमान खुर्शीद इस बात को स्पष्ट रूप से नहीं कहते हैं तो मैं मानूंगा कि वह लीपापोती कर रहे हैं।'