नोटबंदी से GDP हुआ बदहाल, सच साबित हुई मनमोहन सिंह की आशंका
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नोटबंदी से जीडीपी में 2 प्रतिशत तक की गिरावट होने का आकलन सच साबित होता दिख रहा है। सरकार की तरफ से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून 2017 की तिमाही में जीडीपी की दर पिछले साल की इसी अवधि की 7.9 प्रतिशत की तुलना में 2 प्रतिशत से अधिक गिरकर 5.7 प्रतिशत रह गयी जो पिछले तीन वर्ष में सबसे न्यूनतम स्तर है। वर्ष 2016-17 की अंतिम तिमाही में यह 7.1 प्रतिशत रही थी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों के प्रचलन को बंद करने की घोषणा की थी। इसके बाद 500 रुपये का नया नोट लाया गया और 2000 रुपये का नोट पहली बार प्रचलन में आया। 24 नवंबर 2016 को यानी नोटबंदी के घोषणा के ठीक 15 दिन बाद पूर्व प्रधानमंत्री और राज्यसभा सांसद मनमोहन सिंह ने संसद में बहस के दौरान कहा था कि नोटबंदी का असर क्या होगा मुझे नहीं पता। लेकिन इससे लोगों का बैंकों में विश्वास खत्म होगा। जीडीपी में 2 फीसदी की गिरावट आ सकती है। इससे छोटे उद्योगों और कृषि को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। ममनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी से यह भी पूछा था कि प्रधानमंत्री बताएं कि ऐसा कौन सा देश है जहां लोग बैंक में पैसा जमा करा सकते हैं लेकिन अपना पैसा निकाल नहीं सकते हैं।केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के कल जारी आंकड़ों को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री का आकलन सच साबित हो रहा है।