शारदा घोटाले के दागी और BJP नेता मुकुल रॉय को वाई+ श्रेणी सुरक्षा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता और शारदा घोटाले में आरोपी मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल करते ही केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा दी है। मुकुल रॉय बीते शुक्रवार को भाजपा में शामिल हुए है। मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बेहद करीबी लोगों में रहे हैं।
सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में मुकुल रॉय से शारदा घोटाले मामले में पूछताछ की थी। इसके दो हफ्ते बाद ही मुकुल रॉय ने 25 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। 11 अक्टूबर को उन्होंने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था। तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद ही मुकुल रॉय को केंद्र ने वाई प्लस सुरक्षा दी है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पूर्व रेल मंत्री रहे रॉय के सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सौंपी गई है।
केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार खतरा विश्लेषण रिपोर्ट के आधार पर मुकुल रॉय को यह सुरक्षा प्रदान की गई। सीआरपीएफ की एक विशेष वीआईपी सुरक्षा शाखा है और यह तकरीबन 70 विशेष लोगों की सुरक्षा करती है। हाल में ही कश्मीर पर केंद्र की ओर से नवनियुक्त विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा को भी सीआरपीएफ कमांडो की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद मुकुल रॉय ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कहा था कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिला है। इस अवसर पर मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुकुल रॉय ने माकपा शासन में 30 वर्षों तक बंगाल में संघर्ष किया है और तृणमूल को सत्ता तक पहुंचाया है। मुकुल रॉय के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा।
प्रसाद ने कहा कि भाजपा का विस्तार हो रहा है और हमारा क्षेत्र बढ़ रहा है। आज देश में 13 राज्यों में हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं और पांच राज्यो में हमारे उपमुख्यमंत्री हैं। केंद्र में हमारी सरकार है। मुकुल रॉय जैसे बड़े और अनुभवी नेता के भाजपा में शामिल होने का हमें लाभ मिलेगा। मुकुल रॉय के भाजपा में आने से संगठन के विस्तार में मदद मिलेगी और बंगाल में हमारा विस्तार होगा।
भाजपा में शामिल होने के बाद मुकुल रॉय ने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि भाजपा के समर्थन के बिना तृणमूल कांग्रेस बंगाल में सत्ता में नहीं पहुंच सकती थी। 1998 में वह भाजपा के साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ी, 1999 में तृणमूल राजग की सहयोगी बनकर चुनाव लड़ी और ममता जी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनीं। उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक नहीं, बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकत है और आने वाले समय में वह बंगाल में सत्ता में आएगी। मुकुल रॉय ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की बहाली उनकी प्राथमिकता होगी।