वाकई सरसंघचालक मोहन भागवत किसी के खिलाफ नहीं हैं?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि आरएसएस किसी के खिलाफ नहीं है। वह केवल हिंदुओं को एकजुट और सशक्त करने का काम कर रहा है। मोहन भागवत ने यह बात बीते शनिवार को कोलकाता में आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही।
तो क्या लगता है, सरसंघचालक मोहन भागवत सच बोल रहे हैं कि वह किसी के खिलाफ नहीं हैं? मालूम हो कि बीते शनिवार को आयोजित मोहन भागवत के कार्यक्रम के लिए पश्चिम बंगाल की पुलिस ने मंजूरी देने से इंकार कर दिया था। लेकिन, एक दिन पहले शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इसे मंजूरी दे दी थी। हाईकोर्ट में इस संबंध में एक याचिका लगाई गई थी कि सरसंघचालक के कार्यक्रम को अनुमति दी जानी चाहिए।
अप्रत्यक्ष रूप से पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए सरसंघचालक ने कहा, ‘क्या हमें कोई रोक सकता है? हमें कोई नहीं रोक सकता है।’ ममता के पश्चिम बंगाल में भविष्य में और ज्यादा कार्यक्रम आयोजित करने के वादे के साथ मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस को अब बाधाओं के बीच काम करने में आनंद आता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, 'यह संगठन किसी के विरोध के लिए नहीं, बल्कि हिंदुओं की मजबूती के लिए बना है। देश में हिंदू समाज का गौरवशाली इतिहास रहा, इसके बावजूद क्या ऐसे हालात होने चाहिए थे?' उन्होंने पूछा, 'क्या आज देश में हिंदू पूरी आजादी से पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यक्रम कर पा रहा है? क्या देश में हिंदुओं के मानव अधिकार सुरक्षित हैं? अगर जवाब ना है तो फिर आपको बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत पर आश्चर्य क्यों होता है? अपनी मौजूदा हालत के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। हम एकजुट और मजबूत नहीं हैं, इसीलिए ऐसे हालात का सामना करना पड़ रहा है।'
पिछले साल अक्टूबर में दुर्गा पूजा के दौरान आरएसएस ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से शिकायत की थी जिसमें कहा था कि राज्य के कुछ हिस्सों में हिंदुओं को धार्मिक कार्यक्रम करने की आजादी नहीं है। कोलकाता में अपनी रैली की इजाजत मिलने में आई दिक्कत पर संघ प्रमुख ने कहा, 'यह मजाक जैसा है कि हम बाधाओं के बावजूद अपने लक्ष्य तक पहुंच जाते हैं। केशव बलिराम हेडगेवार ने भी तमाम कठिनाइयों के बाद भी हिंदुओं को मजबूत करने के लिए संघ की नींव रखी थी। अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं को काम में तेजी लानी होगी।'
भागवत ने कहा, 'आज हम भारत को सशक्त बनाने, हिंदुओं को एकजुट करने और प्रेम का संदेश फैलाने की शपथ लें। सबको अपने दिन (वक्त) और कमाई का एक तिहाई हिस्सा देश के विकास में लगाना चाहिए। बाहर खड़े नहीं रहना है, क्योंकि आपको भी विकास का हिस्सा बनना होगा।'