रोहिंग्या पर ओवैसी ने 'मिस्टर मोदी' से पूछे ये सवाल!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर कई सवाल पूछ डाले। पार्टी के एक जलसे में ओवैसी ने देश के अलग-अलग प्रांतों में रह रहे रिफ्यूजियों की लम्बी फेहरिस्त सुना डाली। उन्होंने भारत में गुजरे सत्तर सालों से रह रहे लाखों रिफ्यूजियों का हवाला देते हुए मिस्टर मोदी से रोहिंग्या को लेकर हो रहे व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। ओवैसी ने कहा कि सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के साथ भेदभाव कर रही है। ओवैसी ने कहा कि 120 करोड़ आबादी वाले देश में भला 16 हजार या 40 हजार रोहिंग्या क्या मायने रखते हैं। उन्होंने तमिल रिफ्यूजियों, तिब्बतियों और बांग्लादेश से भारत में बसाए गए चकमा रिफ्यूजियों का भी जिक्र किया। उन्होंने सवाल किया कि जब तिब्बती शरणार्थियों को भारत में जगह दी गई तो रोहिंग्या मुसलमानों को क्यों नहीं? फिर पूछा कि अभी भी वेस्ट पाकिस्तान के लोग जम्मू में रहते हैं। 47 में, 65 में, 75 में जब वहां से लोग आए तो क्या हमने उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं दिया?
देखें ओवैसी ने क्या कहा:
#WATCH: AIMIM President Asaduddin Owaisi speaks on Rohingya refugees in India pic.twitter.com/OXUgqq4eq7
— ANI (@ANI) September 15, 2017
गौरतलब है कि भारत सरकार ने रोहिंग्या रिफ्यूजी को देश के लिए खतरा बताया है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि म्यांमार से भारत में आए रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजना चाहिए, ऐसा करना देशहित में होगा। केंद्र सरकार की दलील है कि ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान हैं और आईएसआईएस इनको आतंकी बना सकता है। म्यांमार ने इन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा पिछले कुछ सालों में म्यांमार में मिलिट्री कार्रवाई के चलते इन्हें वहां से भागना पड़ा है।
केंद्र सरकार के मुताबिक खुफिया एजेंसियों की सलाह है कि रोहिंग्या आतंकी संगठनों से सम्बंध रखते हैं और रोहिंग्या आतंकी संगठन जम्मू, दिल्ली, हैदराबाद और मेवात में सक्रिय हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक करीब 40 हजार रोहिंग्या भारत में रह रहे हैं। इस बीच सरकार ने बेघर रोहिंग्याओं की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। ऑपरेशन इंसानियत के तहत बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए भारत ने 53 टन राहत सामग्री भेजी है।