असम सरकार कंपनियों पर मेहरबान, सरकार से बिना पूछे कर सकती हैं 300 कर्मचारियों की छुट्टी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बड़ी-बड़ी कंपनियां चलाने वाले औद्योगिक घरानों पर असम सरकार मेहरबान हो गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने असम सरकार के एक ऐसे विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है जिसके तहत कंपनियों को 300 कर्मचारियों तक की छंटनी के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने औद्योगिक विवाद (असम संशोधन) विधेयक, 2017 को अपनी संस्तुति दे दी है। यह नया कानून औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 का स्थान लेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इस विधेयक के कानून बन जाने से कारोबार करने को सहज बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे कंपनियों के पास सरकार की पूर्वानुमति के बगैर 300 कर्मचारियों की छंटनी का अधिकार होगा। यह सीमा पहले 100 कर्मियों की थी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने विधेयक को उद्धत करते हुए कहा कि संशोधन का लक्ष्य राज्य में कारोबार के लिए सकारात्मक माहौल पैदा करना है।
नए कानून के मुताबिक, जिन कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी उन्हें अब 15 दिन के बजाय 60 दिन का वेतन देना होगा। राष्ट्रपति ने मोटर वाहन (हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 को भी अपनी संस्तुति दे दी। इससे राज्य परिवहन को किसी भी वाहन को किसी भी मार्ग पर किसी भी परमिट के साथ चलाने की छूट मिल जाएगी।