RS चुनाव: UP में BJP ने बढ़ाई SP-BSP की मुसीबत, उतारे 11 उम्मीदवार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/लखनऊ: सोमवार को नामांकन खत्म होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की दिक्कतों में इजाफा कर दिया। पार्टी ने तीन ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है जिन्हें वो समर्थन देगी। ऐसे में जया बच्चन की जीत की उम्मीदों को झटका लग सकता है। नामांकन भरने के आखिरी दिन पार्टी ने दांव चला और गाजियाबाद के अनिल अग्रवाल को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा भरवा दिया। इसके कुछ देर बाद ही पार्टी ने सलिल विश्नोई और विद्यासागर सोनकर के नाम की घोषणा कर दी। इससे पहले रविवार को महज 20 घंटे पहले भारतीय जनता पार्टी ने 18 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। इनमें चुनावी समीकरण का पूरा ख्याल रखा गया है।
भाजपा के आठ प्रत्याशी का राज्य जाना तय था, इसके बाद भी उसने बचे वोट का उपयोग करने को 11 प्रत्याशी उतार दिए। उम्मीद की जा रही है कि भाजपा अपने अट्ठाइस अतिरिक्त वोट और निर्दलीय विधायकों के वोट के सहारे अपने नौवें उम्मीदवार को जिताने की कोशिश करेगी। तय हो गया है कि अब उत्तर प्रदेश में राज्यसभा सदस्यों का चयन निर्विरोध नहीं होगा। भारतीय जनता पार्टी के नौवें प्रत्याशी गाजियाबाद के अनिल अग्रवाल हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र लेने वाले व्यापारी अनिल अग्रवाल का भाजपा समर्थन करेगी।
भाजपा को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की संभावना दिख रही है। इस बात का तस्दीक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के हालिया बयान से भी कर सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि पार्टी के पास 8 उम्मीदवार जिताने के बाद 28 वोट अतिरिक्त हो रहे हैं। ऐसे में निर्दलीय विधायकों के साथ मिलाकर हमारे 9वें उम्मीदवार की जीत तय है।
जीवीएल को भी टिकट
इससे पहले रविवार को 23 मार्च को होने वाले चुनाव चुनाव के लिए भाजपा ने नौ नामों की घोषणा पहले ही कर दी थी जिसमें आठ मंत्री और एक महामंत्री भूपेंद्र यादव शामिल थे। सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी थी जहां से पार्टी को आठ सीटें मिलने वाली है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का नाम पहले ही घोषित हो गया था। जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांता करदम, सकलदीप राजभर, पुराने कार्यकर्ता हरनाथ सिंह यादव, ब्राह्मण कोटे से अशोक वाजपेयी, उत्तर प्रदेश से ही आने वाले शाह कैबिनेट के महामंत्री अनिल जैन, विजयपाल सिंह तोमर और प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहाराव को नामित किया गया है।
जीवीएल आंध्र प्रदेश से आते हैं और कुछ ही दिन पहले टीडीपी ने जिस तरह मोदी सरकार से बाहर गई उसके बाद इसे राजनीतिक संदेश माना जा रहा है। खुद शाह ने अपनी टीम के लोगों को प्रोत्साहित किया है। भूपेंद्र यादव पहले भी राज्यसभा में थे। उनके अलावा अनिल जैन और छत्तीसगढ़ से आने वाली महामंत्री सरोज पांडे को भी जोड़ा जाए तो शाह की टीम के पांच सदस्य राज्यसभा में होंगे। भाजपा में मीडिया का कार्यभार देख रहे अनिल बलूनी को उत्तराखंड से राज्यसभा में नामित किया गया है।
कर्नाटक में चुनाव हैं और पूर्व सांसद राजीव चंद्रशेखर जैसे प्रभावी नेता अब औपचारिक तौर पर भाजपा के सदस्य होंगे। उन्हें कर्नाटक से ही नामित किया गया है। जबकि महाराष्ट्र से मराठा नेता नारायण राणे को राज्यसभा में लाकर वहां की राजनीति को भी साधा गया है। ध्यान रहे कि पिछले दिनों में शिवसेना भाजपा को परेशान करती रही है और मुख्यमंत्री के रूप में ब्राह्मण देवेंद्र फडणवीस को बिठाने के बाद मराठा राजनीति के पिच पर थोड़ी कमजोर चल रही थी। झारखंड में पिछले दिनों में आदिवासी -गैरआदिवासी राजनीति गर्म है। पार्टी ने वहां से आदिवासी को नामित किया है।