मक्का मस्जिद ब्लास्ट का फैसला सुनाने वाले जज का इस्तीफा नामंजूर
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: मक्का मस्जिद ब्लास्ट (2007) मामले में सभी अभियुक्तों को बरी करने वाले हैदराबाद के जज का इस्तीफा नामंज़ूर कर दिया गया है। जज रवींद्र रेड्डी ने सोमवार को इस हाईप्रोफाइल केस में सभी अभियुक्तों को बरी करने के कुछ ही घंटे बाद इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब उनसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाई कोर्ट ने छुट्टी खत्म करने और काम पर लौट आने के लिए कहा है।
11 साल पुराने मामले में फैसला सुनाने के कुछ ही घंटे बाद जज रवींद्र रेड्डी द्वारा व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिए जाने से सभी भौंचक्के रह गए थे। इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सदस्य तथा साधु स्वामी असीमानंद समेत पांच अभियुक्तों को बरी किया गया था। गौरतलब है कि स्वामी असीमानंद का नाम तीन आतंकवादी हमलों से जोड़ा जाता रहा है।
जज ने कहा था कि अभियुक्तों को इसलिए बरी किया गया, क्योंकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी, यानी NIA उस हमले में अभियुक्तों की भूमिका स्थापित करने में नाकाम रही, जिसमें ऐतिहासिक मस्जिद में जुमे की नमाज़ के दौरान हुए धमाके में नौ लोगों की मौत हुई थी, और 50 से ज़्यादा ज़ख्मी हुए थे।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए इसे रहस्यपूर्ण करार दिया था।
गौरतलब है कि एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने कहा था कि रेड्डी ने मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश को अपना इस्तीफा सौंपा था। रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया था और कहा कि इसका आज के फैसले से कोई लेना देना नहीं है।