राष्ट्रपति ने संघ विचारक राकेश सिन्हा समेत चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए किया मनोनीत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की चार जानीमानी हस्तियों को राज्यसभा में मनोनीत किया है। इन नए चेहरों में किसान नेता राम शकल, लेखक, स्तंभकार और संघ विचारक राकेश सिन्हा, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह का नाम शामिल है। इस बार फिल्म या खेल जगत से किसी भी हस्ती को राज्यसभा में नहीं भेजा गया है। चारों हस्तियां चार अलग-अलग राज्यों से हैं और ये अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं।
इन चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनयन को 2019 के चुनावों के लिहाज से महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही राज्यसभा में उपसभापति का चुनाव भी होना है। राम शकल उत्तर प्रदेश से आते हैं। इन्होंने दलित समुदाय में काफी काम किया है। वहीं, राकेश सिन्हा संघ के विचारक हैं। वह टीवी चैनलों पर भाजपा और आरएसएस का पक्ष काफी मजबूती से रखते हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर भी हैं। सोनल मानसिंह देश की विख्यात नृत्यांगना हैं। रघुनाथ महापात्रा ने जगन्नाथ मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण काम किया है। वह ओडिशा से आते हैं।
1. राकेश सिन्हा (शिक्षाविद)
बिहार के रहने वाले राकेश सिन्हा कोटा विश्वविद्यालय से पीएचडी और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल हैं। जानेमाने लेखक और दिल्ली यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन (आईपीएफ) के संस्थापक और मानद निदेशक हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के बोर्ड मेंबर भी हैं। सिन्हा कई अखबारों में नियमित लेख लिखते हैं और टीवी चैनलों पर भाजपा और संघ का पक्ष मजबूती से रखते हैं। इन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं, जिसमें हेडगेवार की जीवनी भी शामिल है।
2. राम शकल (समाज सेवा)
उत्तर प्रदेश के राम शकल गोरखपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. हैं। इन्होंने दलित समुदाय के उत्थान के लिए काफी काम किया है। इनकी छवि किसानों, श्रमिकों और प्रवासियों के हितों की बात करने वाले किसान नेता की है। रॉबर्ट्सगंज (यूपी) से तीन बार सांसद भी रहे हैं। इसके अलावा श्रमिक और कल्याण, ऊर्जा, कृषि, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस से संबंधित संसद की समितियों के सदस्य भी रहे।
3. सोनल मानसिंह (कला)
महाराष्ट्र की रहने वाली सोनल मानसिंह डिलिट्, डीएससी, बीए (ऑनर्स) हैं और भारत की प्रमुख क्लासिकल डांसर में से एक हैं। करीब 6 दशकों से भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं। मणिपुरी और कुचिपुड़ी डांस फॉर्म्स में भी प्रशिक्षित। इंदिरा गांधी नैशनल सेंटर फॉर आर्ट्स की ट्रस्टी और सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑन कल्चर की सदस्य हैं। 1977 में दिल्ली में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेज की स्थापना की। डांसिंग करियर के 40 साल पूरे होने के मौके पर प्रकाश झा ने 2002 में 'सोनल' नाम से एक डॉक्युमेंट्री बनाई थी।
1974 में कार दुर्घटना में घायल होने के बाद भी सोनल ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार डांसिंग करती रहीं इन्हें पद्म विभूषण (2003), पद्म भूषण (1992), संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड (1987), एमपी सरकार द्वारा कालिदास सम्मान (2006), इंदिरा प्रियदर्शिनी सम्मान और राजीव गांधी एक्सीलेंस अवॉर्ड भी मिल चुका है।
4. रघुनाथ महापात्रा (कला)
ओडिशा के रहने वाले रघुनाथ महापात्रा पत्थरों को आकार देने की उनकी खूबी के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें 'शिल्प गुरु' कहा जाता है। प्राचीन मूर्तियों और स्मारकों के संरक्षण की दिशा में इन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया है। पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की सुंदरता में भी इन्होंने अहम भूमिका निभाई। 1959 से इस क्षेत्र में सक्रिय रघुनाथ अब तक 2000 से ज्यादा छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित कर चुके हैं। इस समय ओडिशा ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं। इन्हें पद्म विभूषण (2013), पद्म भूषण (2001), पद्म श्री (1975) सम्मान मिल चुका हैं। 22 साल की उम्र में 1964 में मूर्तिकला के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।