बिहार में भाजपा संग सरकार बनाने पर नीतीश की JDU में बगावत, शरद यादव को मनाएंगे जेटली
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बिहार में महागठबंधन को तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार के खिलाफ उनकी ही पार्टी जेडीयू के भीतर बगावत के सुर तेज हो गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव और सांसद अली अनवर ने नीतीश के खिलाफ बिगुल फूंका है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव जहां नीतीश के शपथग्रहण समोराह में शामिल नहीं हुए, वहीं उनके कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने की भी खबर है।
भाजपा के साथ गठबंधन के फैसले से नाराज जेडीयू सांसद गुरुवार शाम शरद यादव से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे। इनमें वरिष्ठ सांसद अली अलवर और वीरेंद्र कुमार के अलावा पार्टी महासचिव अरुण सिन्हा और जावेद रजा भी शामिल थे। शरद यादव से मुलाकात के बाद अरुण सिन्हा ने मीडिया से कहा, नीतीश ने पार्टी नेताओं से बातचीत किए बिना ही फैसला लिया। पार्टी में लोकतंत्र कायम रहना चाहिए। शरद यादव भी ताजा घटनाक्रम से चिंतित हैं। वह विभिन्न राज्यों के पार्टी नेताओं से बात करेंगे। हम बस पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र सुरक्षित रखना चाहते हैं।
जेडीयू सांसद अली अनवर ने पार्टी में बगावत की बात को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा से गठबंधन के फैसले से वह हैरान हैं। शरद यादव को भी नीतीश के फैसले की जानकारी नहीं थी। अली अनवर ने कहा कि हम लोगों को शरद यादव जी ने बुलाया था। वो हमारी पार्टी के संसदीय दल के नेता हैं इसलिए हम उनसे मिलने आये थे। हमने उनसे कहा कि ये जो फैसला नीतीश जी ने लिया है, वो पार्टी के हित में नहीं है। इससे गलत संदेश जाएगा। शरद जी ने भी कहा कि वो हमारी भावनाओं से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि देशभर के नेताओं से बात करके वो आगे की रणनीति बनायेंगे।
जेडीयू में बगावत की अटकलों के बीच खबर यह भी है कि दिल्ली में वित्त मंत्री अरुण जेटली शरद यादव से मिलेंगे। कहा जा रहा है कि बिहार में गठबंधन के मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच बात हो सकती है। मालूम हो कि अरुण जेटली और शरद यादव 1974 से दोस्त हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शरद यादव को एनडीए सरकार में कोई महत्वपूर्ण भूमिका देकर उन्हें बागवत की राह पर जाने से रोका जा सकता है।
पूर्व जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने गुरुवार सुबह इस पूरे घटनाक्रम पर मीडिया के सामने खुलकर नाराजगी जाहिर की। शरद यादव ने कहा, 'नीतीश कुमार ने सरकार बनाने का फैसला बहुत जल्दबाजी में लिया है। गठबंधन तोड़कर इतनी जल्दी भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने के फैसले का मैं समर्थन नहीं करता हूं।' 2013 में भाजपा से रिश्ता टूटने के बाद से ही शरद यादव भाजपा पर खुलकर हमला करते आए हैं। वहीं, जेडीयू के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने भी अंतरात्मा की आवाज दोहरा दी।
महागठबंधन से रिश्ता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया। वहीं, अनवर कह रहे हैं कि उनकी अंतरात्मा इस फैसले के साथ नहीं है। उन्होंने कहा, 'भाजपा की जिन बातों से हमें परहेज था, भाजपा अब उसी तरफ और उग्रता के साथ बढ़ रही है।' इधर, जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अनवर के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी का यह निर्णय सर्वसम्मति से हुआ है। जिसे इस फैसले को लेकर नाराजगी है, उसे पार्टी फोरम में बात उठानी चाहिए।
मालूम हो कि भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर नीतीश अपने पूर्व सहयोगियों आरजेडी और कांग्रेस के निशाने पर हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नीतीश कुमार पर महागठबंधन को धोखा देने और 'व्यक्तिगत स्वार्थ' के लिए भाजपा से हाथ मिलाने को लेकर निशाना साधा। वहीं लालू ने भी नीतीश को भस्मासुर तक कह डाला।