बिहार में तख्ता पलट के बाद शरद यादव ने तोड़ी चुप्पी, बोले- JDU-BJP गठबंधन दुर्भाग्यपूर्ण
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ अपनी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने सोमवार को इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया। उन्होंने कहा कि वह जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं।
बिहार में महागठबंधन टूटने से नाराज जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी सांसद शरद यादव पहली बार आज मीडिया के सामने आए। संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में शरद यादव ने कहा, मैं बिहार में लिए गए पार्टी के फैसले से सहमत नहीं हूं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस के साथ महागठबंधन तोड़ने के नीतीश के फैसले पर राज्यसभा सदस्य यादव ने कहा, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जनादेश भाजपा से गठबंधन के लिए नहीं मिला था।
गठबंधन टूटने के बाद जेडीयू में भी फूट की खबरें भी लगातार सामने आ रही हैं। पार्टी के राज्यसभा सासंद अली अनवर भी नीतीश कुमार के फैसले से नाराज हैं। उन्होंने महागठबंधन टूटने को राष्ट्रीय आपदा बताया था। तमिलनाडु से राज्यसभा सांसद और सीपीआई के नेता डी. राजा ने भी शरद यादव से दिल्ली में उनके आवास पर रविवार को मुलाकात की थी। उससे पहले सीताराम येचुरी भी शरद यादव से मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, राजा ने शरद यादव से भाजपा और नीतीश कुमार के खिलाफ डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथ खड़े रहने की बात भी कही।
बिहार में सत्ता के उलटफेर के बाद कई विपक्षी दलों के नेताओं ने हाल ही में शरद यादव से मुलाकात की है। वहीं भाजपा और जेडीयू की ओर से भी शरद यादव की नाराजगी को दूर करने की कोशिश जारी है। इतना ही नहीं, नीतीश कुमार की ओर से भ्रष्टाचार को एक बड़ा कारण बताते हुए लालू यादव के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद शरद यादव ने सोशल मीडिया पर काले धन और पनामा पेपर्स को लेकर मोदी सरकार और भाजपा पर निशाना साधा था।