सोनिया गांधी का भाजपा के खिलाफ बड़ा हमला, बोलीं- 2019 में उखाड़ फेंकेगे मोदी सरकार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
मुंबई : कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने देश में मौजूद राजनीति हालातों के लिए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि वह 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार की सत्ता में वापसी नहीं होने देंगी। यूपीए अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी करेगी।
मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के 17वें संस्करण को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि क्या देश 2014 से पहले ब्लैकहोल था? क्या देश में तरक्की सिर्फ इन्हीं चार सालों में हुई है? हालांकि सोनिया ने यह माना कि लोगों से जुड़ने के लिए कांग्रेस को नई स्टाइल अपनाने की जरूरत है। 2014 में देश में 10 साल से हमारी सरकार थी इसलिए कुछ एंटी-इनकंबेंसी भी थी। साथ ही नरेंद्र मोदी ने मार्केटिंग भी की जिससे कांग्रेस हार गई। हमें अपनी योजनाओं को नए तरीके से पेश करनी होंगी। सोनिया गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार को याद करते हुए कहा कि मोदी सरकार के 'अच्छे दिनों' का हाल 'शाइनिंग इंडिया' जैसा होगा।
यूपीए अध्यक्ष ने वर्तमान राजनीतिक हलातों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश आज एक अलग दौर से गुजर रही है। लोकतंत्र में खुली बहस की छूट होनी चाहिए लेकिन आज अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा मंडरा रहा है। सत्ता पक्ष विरोध की आवाजों को दबाने की कोशिश कर रहा है और संविधान के सिद्धांतों पर प्रहार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि मैंने पूरी रामायण पढ़ दी है और अब आप पूछ रहे हैं कि सीता कौन थीं? उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से संसद या अलग-अलग कार्यक्रमों में मिलती हैं, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती हूं।
प्रियंका गांधी के राजनीति में आने को लेकर सोनिया ने कहा कि वह अपना फैसला खुद लेंगी। मैं कभी नहीं चाहती थी कि राजीव गांधी राजनीति में आएं लेकिन उन्हें इंदिरा जी की हत्या के बाद इसमें आना पड़ा। मैं खुद भी राजनीति में नहीं आना चाहती थी लेकिन जब मैंने पार्टी ज्वाइन की उस समय पार्टी मुश्किल में थी और मुझे भी राजनीति में आना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से चुनाव लड़ने के सवाल पर सोनिया गांधी ने कहा कि यह पार्टी तय करेगी कि वो चुनाव लड़ेंगी या नहीं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चर्चा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, मुझे पता था कि मनमोहन सिंह मुझसे कहीं बेहतर प्रधानमंत्री साबित होंगे। मुझे अपनी सीमाओं के बारे में पता था। मुझे सार्वजनिक रूप से भाषण देते नहीं आता था। यही वजह रही कि मुझे लीडर से ज्यादा रीडर कहा गया। अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी युवा और वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बनाना चाहते हैं ताकि पार्टी को दोबारा से सत्ता संभालने के लिए तैयार किया जा सके। ये आसान नहीं है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए सोनिया ने कहा कि नोटबंदी ने देश को पीछे ढकेल दिया। किसानों को परेशानी में डाल दिया। सत्ताधारी दल की तरफ से लगातार भड़काऊ बयान दिए जाते हैं, जो देश को बांटने का काम करते हैं। मौजूदा समय में लोगों को खुद के बारे में भी सोचने नहीं दिया जा रहा है। देश में धार्मिक तनाव बढ़ रहा है। दलितों और महिलाओं पर सुनियोजित तरीके से हमले किये जा रहे हैं। भाजपा लोगों के सामने कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी के रूप में रखती है। हम हमेशा से मंदिर जाते रहे हैं। मैं खुद राजीव जी के साथ कई मंदिरों में गई। हमने कभी इसका दिखावा नहीं किया।
सोनिया ने कहा, मोदी सरकार जो दावे कर रही है, क्या वो देश के लोगों की समझ को गलत ठहराने जैसा नहीं है। हमारे देश की ज्यूडिशियरी खतरे में है। हम पारदर्शिता लाने के लिए आरटीआई लेकर आए थे लेकिन आज इस कानून को कोल्ड स्टोरेज में डाल दिया गया है। आधार को चीजों को नियंत्रित करने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। सोनिया ने कहा, देश आज जिस हालात में पहुंच गया है उसमें एक सेक्युलर फ्रंट की जरूरत है। इससे ही देश की राजनीति को सही दिशा मिल पाएगी। राहुल गांधी पर मैं अपना मत नहीं थोप सकती इसलिए वो खुद ही आगे बढ़ें। उनकी अपनी एक स्टाइल है, जिससे वो कांग्रेस में नई जान फूंकने का काम करेंगे।