बिहार में 24 सीटों पर विस चुनाव लड़ेंगे ओवैसी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
पटना : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी विधानसभा चुनाव वाले राज्य बिहार पहुंच गए हैं। उन्होंने यहां मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी सीमांचल की 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
ओवैसी ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) उनके दुश्मन नंबर वन हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी के पैसे से चुनाव लड़ने बिहार नहीं आए हैं। पटना में आज तक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'हम किसी के पैसे पर बिहार में चुनाव लड़ने नहीं आए हैं। दलित-मुस्लिमों की स्थिति सीमांचल में खराब है। उनकी स्थिति में सुधार के लिए हमने सीमांचल की 24 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।'
मतों के ध्रुवीकरण के लिए भाजपा से पैसे लेकर चुनाव लड़ने के आरोप पर ओवैसी ने कहा, 'ऐसा कहने वाले लोगों पर आपराधिक मुकदमा करूंगा। मैं न केवल फिरकापरस्त, बल्कि मुस्लिमों का उपयोग करने वाले मौकापरस्तों के खिलाफ हूं। मैं तो सिर्फ 24 सीटों पर चुनाव लड़ने वाला हूं। शेष 219 सीटों पर लोगों को चुनाव जीतने से कौन रोक रहा है।' बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं।
ओवैसी ने कहा कि उनकी कोशिश होगी कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार न बने। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके चुनाव लड़ने का मकसद पार्टी को राष्ट्रीय का दर्जा दिलाने या मुस्लिमों का नेता बनना नहीं है। एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने से भाजपा को लाभ मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोग इसके लिए सिर्फ उन्हें ही दोषी बता रहे हैं, लेकिन लालू प्रसाद अपने समधी मुलायम सिंह यादव को नहीं रोक सके, वामपंथी उनको छोड़कर भाग गए और एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने से उनके पेट में दर्द होने लगा है।
उन्होंने कहा, 'यकीनन भाजपा और आरएसएस को रोकना हम सभी की जिम्मेवारी है, मगर सिर्फ एक इंसान के चौधरी बनने से नहीं होगा, बल्कि सभी को साथ आना होगा।' ओवैसी ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर आने से तो लोग परहेज करते हैं, लेकिन घर में शादी के मौके पर मोदी को बुलाते हैं और उनके परिजन मोदी के साथ सेल्फी लेते हैं।' उनका इशारा लालू और मुलायम की ओर था।
ओवैसी ने एआईएमआईएम को सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी कहे जाने पर ऐतराज जताया और कहा कि उनका पार्टी का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम और दलितों का विकास करना है। उन्होंने बिहार के सीमांचल में पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) को जिम्मेवार बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में सीमांचल सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। सीमांचल क्षेत्र की छोटी-छोटी बच्चियां दूसरे राज्यों में जाकर काम कर रही हैं। यह शर्मनाक है।