बजट सत्रावसान : उच्च सदन राज्यसभा में 45 और लोकसभा में 34 घंटे का हुआ कामकाज
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बजट सत्रावसान पर शुक्रवार (6 अप्रैल 2018) को राज्यसभा और लोकसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। विरोध प्रदर्शन की वजह से करीब आधे सत्र के बाद सदन की कार्यवाही पूरी तरह बाधित रही। उच्च सदन की 30 बैठकों में करीब 45 घंटे ही कामकाज हुआ और 120 घंटे की अवधि हंगामे की भेंट चढ़ गई। कुछ इसी तरह के हालातों के बीच लोकसभा की कार्यवाही को भी शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस सदन में 29 बैठकों में करीब 34 घंटे का कामकाज हुआ।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या सदन अपनी उपस्थिति व संसाधनों के उपयोग के साथ न्याय कर पा रहा है। उच्च सदन की 30 बैठकों में करीब 45 घंटे कामकाज हुआ और 120 घंटे की अवधि हंगामे की भेंट चढ़ गई। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में धोखाधड़ी, आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा, कावेरी प्रबंधन बोर्ड, उत्तर प्रदेश में फर्जी मुठभेड़, सर्वोच्च न्यायालय के अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम व दिल्ली में सीलिंग जैसे मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। नायडू ने सांसदों को 'आत्मावलोकन' करने और खोने की स्थिति के बजाय पाने की स्थिति पैदा करने की कोशिश करने को कहा।
सत्र के समापन पर अपनी टिप्पणी में सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा में जो कामकाज हुआ, उसके बारे में उनके पास बताने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, लेकिन राज्यसभा में जो नहीं हो पाया, उसके बारे में बताने को बहुत कुछ है। नायडू ने कहा, सभापति के लिए आज का दिन परंपरागत रूप ये सदन द्वारा क्या किया गया और क्या दिया गया, उसे संक्षिप्त रूप से बताएं। मैं इस महत्वपूर्ण सत्र में यह बताने के लिए बाध्य हूं कि क्या नहीं किया गया। आप को वित्त वर्ष के बजट पर चर्चा और विचार करना था और विनियोग विधेयक व वित्त विधेयक को दूसरे सदन के लिए भेजना था। यह नहीं किया गया।
नायडू ने कहा, ग्रेच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 पारित करने के अलावा कोई विधायी कार्य नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि कई महत्वपूर्ण विधेयकों को आपके (सांसद) विचार की प्रतीक्षा रही। नायडू ने कहा कि इन सब में सदन ने वास्तव में जो किया, वह सत्र की शुरुआत व केंद्रीय बजट 2018-19 को लेकर राष्ट्रपति के अभिभाषण और धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की। नायडू ने कहा, इस महत्वपूर्ण सत्र का बेहतरीन प्रदर्शन 22वें दिन का दूसरे भाग का तीन घंटे 37 मिनट था जिसमें 28 मार्च को सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई दी गई। फिर भी यह सुचारू रूप से नहीं हुआ।
बजट सत्र के दौरान लोकसभा में कुल 34 घंटे का कामकाज
लोकसभा की बैठक भी शुक्रवार को अनिश्चिकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र के दौरान कुल 29 बैठकें हुईं जो 34 घंटे और 5 मिनट चली। बजट सत्र का दूसरा चरण विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस दौरान बजट सत्र के पहले भाग में 7 बैठकें और दूसरे भाग में 22 बैठकें हुईं। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट पर 7 और 8 फरवरी 2018 को चर्चा हुई। यह 12 घंटे 13 मिनट तक चली। 9 फरवरी को सभा स्थगित की गई ताकि स्थायी समितियां विभिन्न मंत्रालयों, विभागों के अनुदान की मांगों की जांच कर सके और उनपर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सकें।
उन्होंने कहा कि सत्र का दूसरा भाग 5 मार्च को प्रारंभ हुआ। इस दौरान बजट के संबंध में रेल सहित सभी मंत्रालयों के अनुदान की मांगों को सभा में मतदान के लिए रखा गया और 14 मार्च को ये पूरी तरह से स्वीकृत हुई तथा विनियोग विधेयक पारित किया गया। इस बजट सत्र के पहले चरण की बैठक 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आरंभ हुई थी जो 9 फरवरी तक चली। सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च को आरंभ हुआ और 6 अप्रैल को इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।