प्रधानमंत्री के तेवरों ने बताया कैसा होगा मिशन 2019!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: लोकसभा के बाद प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में जो भाषण दिया उसने भारतीय जनता पार्टी की सोच और उसकी 2019 की प्लानिंग का खाका खींच दिया। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस मुक्त भारत, वंशवाद, गांधी परिवार से लेकर कट्टर हिन्दुत्व की छवि को पेश करता भाषण दिया। कांग्रेस पर हमलावर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को महात्मा गांधी की देन बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें महात्मा चाहिए...लेकिन कांग्रेस को । मतलब वंशवाद के बहाने गांधी परिवार पर सवाल उठाना था। ट्रिपल तलाक पर जो कुछ उन्होंने कहा वो कट्टर हिन्दुत्व की छवि के अनुरूप रहा। उन्होंने पार्टी लाइन पर चलते हुए ही जताने की कोशिश की विपक्ष मुस्लिम परस्त है। सदन को बताया कि ट्रिपल तलाक को लेकर विपक्ष का विरोध एकतरफा है। उन्होंने तर्क दिया कि जब हिन्दू दो शादी करने पर जेल जा सकता है तो भला मुस्लमान ट्रिपल तलाक की सजा से क्यों बचे?
खिंची लकीर
प्रधानमंत्री ने पार्टी की सोच को बड़ी चालाकी से बता दिया। मिशन 2019 के लिए पार्टी खुलकर हिन्दूत्व कार्ड खेलेगी जाहिर कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा- जो लोग ये लॉजिक देते हैं कि एकलौता बेटा है, 30 साल का है, बुड्ढे मां बाप हैं अब उसको जेल जाने का कानून क्यों बनाया? बुड्ढे मां बाप क्या खायेंगे? हिन्दू दो शादी करे, वो जेल चला जाए...उसके लिए सजा हो तब आपको विचार नहीं आया कि उसके परिवार के लोग क्या खायेंगे?
गांधी जी वाला भारत
प्रधानमंत्री ने कहा- मुझे वो भारत चाहिए जिसकी कल्पना महात्मा गंधी जी ने की थी। देश जब आजाद हुआ था, तो गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस को खत्म कर देना चाहिए। इसलिए कांग्रेस मुक्त भारत का सपना मेरा नहीं गांधी जी का था। मुझे लगता है कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार मुक्त भारत नहीं चाहिए। क्या आपको लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनने वाला भारत चाहिए? इमर्जेंसी के वक्त को याद दिलाकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि हम एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देखते हैं। कांग्रेस को न्यू इंडिया नहीं चाहिए, तंदूर कांड वाला इंडिया चाहिए। अपने इन शब्दों से उन्होंने बताया कि दरअसल वो भ्रष्टाचार की वजह से ही कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं।
गेम चेंजर नहीं एम चेंजर
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के गेम चेंजर के तंज पर भी बोले पीएम। उन्होंने कहा कि आप हमारे कार्यकलापों को देखेंगे तो कहेंगे कि हम लक्ष्य का पीछा करने वाले लोग हैं। हम लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उन्हें हासिल करते हैं। आपने कहा है कि हम 'नेम चेंजर' हैं 'गेम चेंजर' नहीं हैं। लेकिन अगर आप हमारे ऑपरेशन और वर्किंग पैटर्न का को देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि हम 'ऐम चेंजर' हैं। हम अपनी कार्रवाई की योजना बनाते हैं, रोडमैप सेट करते हैं, ताकि देश को विकास के रास्ते पर ले जा सकें। कांग्रेस पर हमला करने हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप भाजपा की बुराई करते-करते भारत की बुराई करने लगते हैं। मोदी पर हमला बोलते-बोलते हिंदुस्तान पर हमला बोलने लगते हैं। स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी एक बार फिर देश को विकास का सब्जबाग दिखाने को लेकर लालायित है और विपक्ष उनके लक्ष्य प्राप्ति में रोड़ा बनकर देश की तरक्की को रोकने की जद्दोजहद में लगा है।
जब्त हुई बेनामी संपत्ति
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बेनामी संपत्ति का कानून 28 साल पहले पारित हो गया था, लेकिन उसे अधिसूचित नहीं किया गया था। हमारी सरकार के कार्यकाल में 3500 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है। कई नियम बदले हैं। वन रैंक वन पेंशन कानून लागू किया गया है। जीएसटी के लिए मध्यरात्रि को सेशन बुलाया गया, जिसका कांग्रेस ने बहिष्कार किया। जीएसटी को विरोध कांग्रेस के खाते में जा रहा है। आज देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है।
रेलवे बजट ऐलान ही नहीं होते...
रेलवे बजट में अब सिर्फ घोषणाएं ही नहीं होती हैं, उन्हें पूरा किया जाता है। पुरानी सरकार ने 1500 से ज्यादा रेलवे की ऐसी घोषणाएं कर दी थीं, जिन्हें बाद में कोई देखने वाला तक नहीं था। कई रेलवे की बजट घोषणाएं तो ऐसी हैं 30-40 साल से लटकी पड़ी हैं, जिनका हमारी सरकार ने संज्ञान लिया है। इसी प्रकार आपके राज में काफी कारखाने खुले, लेकिन आपके कार्यकाल में वो बंद भी हो गए। आपने बांध बनाए लेकिन नहरों का नेटवर्क नहीं बनाया।
अब याद आए सरदार पटेल!
पीएम मोदी ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के हर पोस्टर पर पर सरदार पटेल की तस्वीर नजर आई। मुझे यह देखकर काफी खुशी हुई, सालों बाद ही सही ये दिन आया तो जब कांग्रेस को सरदार पटेल याद आए। कांग्रेस ने आखिरकार सरदार पटेल की महानता को माना। लेकिन अफसोस की बात यह है गुजरात चुनाव के एक हफ्ते बाद ही कांग्रेस के पोस्टर से सरदार पटेल फिर गायब हो गए।
प्रधानमंत्री ने और भी कई बातें कहीं जो दिखा रहीं हैं कि प्रधानमंत्री 2019 में हमलावर तेवरों के साथ चुनावी महासमर में कूदेंगे। उच्च सदन से पहले निचले सदन में विपक्ष और कुछ अपने सहयोगी दलों की नारेबाजी के बीच बिना डिगे भाषण देने के अंदाज से आभास होता है कि विरोध के सुरों के बीच उनका सुर ऊंचा ही रहेगा और लड़ाई लम्बी चलेगी।