कांग्रेस सांसद पर PM मोदी की टिप्पणी को राज्यसभा सभापति ने माना आपत्तिजनक, कार्यवाही से हटाया
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उच्च सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गुरुवार की एक टिप्पणी को आपत्तिजनक पाए जाने पर सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। जेडीयू के सदस्य हरिवंश के उपसभापति चुने जाने के बाद उन्हें बधाई देते समय प्रधानमंत्री मोदी के बधाई संदेश में की गई एक टिप्पणी सदन के एक सदस्य ने आपत्ति जताई थी और सभापति वेंकैया नायडू से शिकायत की थी।
राज्यसभा सचिवालय के अनुसार, उपसभापति पद के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बी.के. हरिप्रसाद के बारे में की गई टिप्पणी को आपत्तिजनक बताने वाली एक शिकायत पर सभापति ने यह फैसला किया। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले द्वारा भी हरिप्रसाद के बारे में की गई एक टिप्पणी को नायडू ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने हरिवंश और उनके प्रतिद्वंद्वी बीके हरिप्रसाद के चुनावी मुकाबले पर चुटकी लेते हुए कहा, सदन पर हरिकृपा बनी रहेगी। अब सब कुछ हरि भरोसे है और मुझे विश्वास है कि सभी, इधर हों या उधर, सभी सांसदों पर हरिकृपा बनी रहेगी। इसके बाद की पंक्ति पर कांग्रेस सदस्यों समेत विपक्षी सांसदों को आपत्ति थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सदन में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर ऐतराज किया था और सभापति से इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की थी। उन्होंने इस टिप्पणी के खिलाफ पॉइंट ऑफ ऑर्डर भी उठाया था। उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रधानमंत्री की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाना पड़ा हो।
मनोज झा ने कहा था कि यह टिप्पणी आपत्तिजनक और गलत मंशा से की गई थी। सभापति की ओर से उन्हें इस पर विचार करने का आश्वासन मिला था। बाद में सभापति के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री के वक्तव्य के इस हिस्से को हटाया गया।
हालांकि एक अन्य मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह दुर्लभ अवसर जरूर है, परंतु यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड में से हटाया गया हो। वर्ष 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह तथा विपक्ष के नेता अरुण जेटली के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसके बाद दोनों ही नेताओं के कहे कुछ शब्दों को रिकॉर्ड से हटाया गया था। बताते चलें कि सदन में प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणियां आमतौर पर शायद ही हटाई जाती हैं।