NRC पर प्रतिनिधिमंडल की एयरपोर्ट पर नो एंट्री से खफा TMC सांसदों का सदन में हंगामा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/गुवाहाटी: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस सियासी उठा पटक के बीच सिल्चर एयरपोर्ट पर तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनीधियों के विरोध प्रदर्शन की कोशिश को रोका गया। रात भर हिरासत में रखने के बाद उन्हें शुक्रवार सुबह फ्लाइट से दिल्ली रवाना कर दिया गया। इसकी जानकारी खुद केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में दी। बकौल सिंह टीएमसी प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों को प्रोटोकॉल के तहत सम्मान दिया गया लेकिन फिर बहसबाजी हुई। जिसमें दो महिला सुरक्षाकर्मी घायल हुईं और फिर सुरक्षा कारणों से उन्हें हिरासत में लिया गया। इससे पहले इसी मसले को लेकर टीएमसी ने शुक्रवार को सदन में जमकर हल्ला बोला,जिससे लोकसभा की कार्यवाही बाधित हुई।
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तृणमूल के सांसद अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और उनके आठ सदस्यीय टीम को सिलचर में रोके जाने के मुद्दे पर प्रदर्शन किया। ये लोग गुरुवार को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में अभियान शुरू करने वाले थे। टीएमसी के कल्याण बनर्जी की अगुवाई में यह प्रदर्शन किया गया, जिन्होंने इस मामले में एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया। प्रदर्शन कर रहे सांसदों ने ‘हम न्याय चाहते हैं’ का नारा लगाया।
तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) के सांसद भी तख्तियां लेकर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए, इन तख्तियों में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी। जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पूर्वाह्न् 11:50 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी।
टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने असम सरकार के इस कदम की आलोचना की है। तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि सिलचर एयरपोर्ट पर उनके नेताओं के साथ बदसलूकी की गई। उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए सभी लोग जन प्रतिनिधि हैं। तृणमूल नेताओं ने कानून का उल्लंघन नहीं किया है। लोगों से मिलना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।
दीदी के असम प्रभारी ने पद छोड़ा
पक्ष विपक्ष के बीच खीची लकीर का असर पार्टियों के भीतर भी दिखने लगा है। तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बैनर्जी के बयान से दरार पड़ती दिख रही है। बैनर्जी के बयान से असहमत असम राज्य में टीएमसी अध्यक्ष द्विपेन पाठक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। द्विपेन का कहना है कि इस बयान से तनाव पैदा होगा और दोष मेरे सिर मढ़ा जाएगा इसलिए मैं पद छोड़ रहा हूं।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कहा था कि असम से बंगालियों को बाहर करने के लिए एनआरसी लागू किया जा रहा है। इसी बयान से असहमति जताते हुए द्विपेन पाठक ने कहा, 'ममता बनर्जी ने कहा कि असम से बंगालियों को बाहर निकालने के लिए एनआरसी लागू किया जा रहा है। मैं उनके इस बयान से सहमत नहीं हूं, इससे यहां तनाव पैदा होगा और टीएमसी चीफ (असम) होने के नाते मुझे दोषी ठहराया जाएगा इसलिए मैंने अपना पद छोड़ दिया है।'
पाठक से पहले पार्टी के दो और नेता पार्टी से रास्ता अलग कर चुके हैं। टीएमसी छोड़ने वाले नेता दिगंत सैकिया और प्रदीप पचोनी ने कहा कि ममता बनर्जी को एनआरसी की वास्तविक सच्चाई पता नहीं है। बिना किसी जानकारी के उन्होंने एनआरसी की निंदा की है। दिगंत सैकिया ने कहा कि ममता बनर्जी जो कह रही हैं उसमें और असम की जमीनी सच्चाई में काफी अंतर है।