गौरी लंकेश हत्या केस में 5 महीने बाद SIT की बड़ी सफलता: गिरफ्तार किया गया हिन्दू युवा सेना का सदस्य
सत्ता विमर्श ब्यूरो़
नई दिल्ली: गौरी लंकेश हत्याकांड के 5 महीने बाद SIT को आखिरकार संदिग्ध को धरने में कामयाबी मिली। हिन्दु युवा सेना का सदस्य 37 वर्षीय केटी नवीन कुमार पुलिस हिरासत में है। पेशे से पत्रकार और समाजसेवी गौरी की हत्या 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरू स्थित उनके आवास पर गोली मारकर की गई थी। इस मामले में एसआईटी की ये बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। गौरतलब है कि संदिग्ध को अवैध असलहा रखने के जुर्म में पहले हिरासत में लिया गया था।
पुलिस के ने 18 फरवरी को अवैध रूप से हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार केटी नवीन कुमार को इस मामले में पहला आरोपी माना। एसआईटी ने बेंगलुरु की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट को मांड्या के मद्दूर में रहने वाले केटी नवीन कुमार के खिलाफ हत्या से जुड़े साक्ष्य बरामद होने की जानकारी दी और उसे गिरफ्तार किया। एसआईटी ने कोर्ट को यह भी बताया कि आरोपी के खिलाफ अवैध हथियार रखने को लेकर जांच चल रही थी, जिसके लिए उसे 18 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
अवैध असलहा मामले में वो न्यायिक हिरासत में था। शुक्रवार को उसकी रिमांड खत्म होने वाली थी, जिसके चलते एसआईटी ने मर्डर से जुड़े सबूतों के आधार पर नवीन को कस्टडी में ले लिया। अवैध हथियार रखने के आरोप में नवीन कुमार पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। कोर्ट ने उसे पूछताछ के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था। जहां उसने पुलिस को गौरी लंकेश मर्डर केस से जुड़ी कई अहम जानकारियां दीं। इसी के आधार पर पुलिस आगे की पूछताछ के लिए उसे कस्टडी में रखना चाहती थी। शुक्रवार को कोर्ट ने नवीन की कस्टडी 8 दिन के लिए बढ़ा दी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी का चेहरा केस से जुड़े एक संदिग्ध के स्केच से भी मिलता है।
जांच में पता चला है कि संदिग्ध कट्टरवादी हिन्दू युवा सेना का सदस्य है और सनातन संस्था और हिन्दू जनजागृति समिति से भी उसका खास जुड़ाव है। नवीन कुमार को लोकल पुलिस ने 19 फरवरी को एक रिवॉल्वर और 15 बुलेट रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसे पूछताछ के लिए क्राइम ब्रांच को भेजा गया था। ये 15 कारतूस .32 कैलिबर के थे। गौरी को जिस कारतूस से मारा गया था उसकी और बरामद कारतूस का व्यास 7.65 एमएम का ही है।
गौरी लंकेश, कन्नड़ कवि और पत्रकार पी लंकेश की सबसे बड़ी बेटी थीं। वे वीकली मैग्जीन 'लंकेश पत्रिका' की एडिटर थीं। 5 सितंबर को लंकेश की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने उन पर बेहद नजदीक से 7 राउंड फायरिंग की थी। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। उनको पहले भी जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थीं। गौरी लंकेश की उम्र 55 साल थी। हमले के वक्त गौरी अपने घर का मुख्य गेट खोल रही थीं। उनके सिर, गर्दन और सीने पर 3 गोलियां लगीं, जबकि दीवार पर 4 गोलियों के निशान मिले।