बहनजी के करीबी आर के चौधरी ने बसपा छोड़ी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती के एक और सिपाहसालार ने उनसे किनारा कर लिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, सरकार के पूर्व मंत्री और मोहनलालगंज से विधायक रहे आर.के. चौधरी ने बसपा छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि बसपा रियल एस्टेट कंपनी बन गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की तर्ज पर चौधरी ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर बसपा छोड़ने का एलान किया। चौधरी ने आरोप लगाया कि मायावती ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और बसपा संस्थापक कांशीराम के आदर्शो से किनारा कर लिया है और वह सिर्फ दौलत कमाने में लग गयी हैं। ऐसे में वह बसपा में घुटन महसूस कर रहे थे, इसलिये अब वह इसे छोड़ रहे हैं।
रिअल स्टेट कम्पनी है बसपा!
उन्होंने आरोप लगाया कि बसपा अब सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन नहीं रह गई है, बल्कि मायावती ने इसे अपनी निजी रियल इस्टेट कम्पनी बना डाला है। वह अब पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनती, बल्कि कुछ चाटुकारों के कहने पर उल्टे-सीधे फैसले करती रहती हैं।
कमाई में जुटी बहनजी
चौधरी ने कहा कि मान्यवर कांशीराम के अनुयायियों और कार्यकर्ताओं में यह बेचैनी है कि बहनजी पार्टी के भविष्य को अंधकार में झोंक कर धुआंधार कमाई में जुट गयी हैं। मायावती के लिये पिछले एक पखवाड़े के दौरान यह दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले गत 22 जून को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मायावती पर लगभग ऐसे ही आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी।
टिकट ना मिलने से थे नाराज
चौधरी की भी गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में की जाती है। बताया जा रहा है कि चौधरी मोहनलाल गंज से टिकट मांग रहे थे लेकिन बसपा सुप्रीमो ने यहां से किसी और को प्रत्याशी घोषित कर दिया, इससे नाराज होकर आरके चौधरी ने पार्टी छोड़ने का ही फैसला ले लिया। चौधरी का पार्टी छोड़ना उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से बसपा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।