NSUI ने तीन सीटें जीतने का किया दावा, जा सकती है हाईकोर्ट
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में कांग्रेस की स्टूडेंट इकाई एनएसयूआई को बड़ी कामयाबी मिली है। हालांकि वह अपनी कामयाबी से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और हाईकोर्ट जाने पर विचार कर रही है। वजह यह है कि एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद कब्जा जमाया, लेकिन उसका दावा है कि संयुक्त सचिव पद पर भी उसकी जीत हुई है। इसके लिए एनएसयूआई दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के व्यक्तिगत दखल के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों से छेड़छाड़ हुई है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव और एनएसयूआई के इंचार्ज गिरीश चोदंकर ने बताया कि एनएसयूआई को तीन सीटों पर जीत मिली है। उसके खाते में अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद के अलावा संयुक्त सचिव का पद भी आया। हालांकि अंत में इस पोस्ट पर एबीवीपी की जीत की घोषणा कर दी गई। उनके अनुसार पीएम मोदी और अमित शाह के इशारे पर ऐसा किया गया।
We don't accept this revised result. #NSUI won 3 seats not 2. This is manipulated by BJP. V r going to High court: .@girishgoa #DusuElection pic.twitter.com/ULt8DKIaTA
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) September 13, 2017
गिरीश ने आगे बताया कि हमने इलेक्शन कमेटी से दोबारा वोटों की गिनती करने को कहा है। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। यह भाजपा के लिए शर्म की बात है अगर उसे एबीवीपी को जिताने के लिए छेड़छाड़ का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं मुख्य निर्वाचन अधिकारी एसबी बब्बर ने कहा कि गिनती में कोई चूक नहीं हुई है, डीयू एकमात्र विश्वविद्यालय है जो ईवीएम का इस्तेमाल करता है।
इससे पहले बुधवार को जारी हुए दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजों में एबीवीपी को झटका लगा। इस बार अध्यक्ष पद की रेस में एनएसयूआई के रॉकी तुषीद ने एबीवीपी के रजत चौधरी को हराया। वहीं उपाध्यक्ष पद पर भी एनएसयूआई ने कब्जा किया। कुणाल सहरावत ने उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी उम्मीदवार को 175 वोटों से हराया। एबीवीपी को सचिव पद और विवादस्पद संयुक्त सचिव पद पर जीत मिली। एबीवीपी की महामेधा नागर ने सेक्रेटरी के पद पर एनएसयूआई की मीनाक्षी मीणा को 2,624 वोटों के अंतर से हराया।