'भारत को जानो, भारत को मानो' के घोष के साथ होगा प्रवासी भारतीय महोत्सव का आगाज'
प्रवीण कुमार
नई दिल्ली : इस बार का प्रवासी भारतीय महोत्सव कुछ खास होगा। विदेश एवं प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज की मानें तो इस बार 'भारत को जानो, भारत को मानो' के घोष के साथ गुजरात के गांधीनगर में अगले महीने 7 से 9 जनवरी के बीच 13वें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह का आयोजन होगा।
प्रवासी भारतीय मामलों की मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उक्त जानकारी देते हुए कहा कि इस बार यह समारोह एक 'सर्वश्रेष्ठ प्रवासी महात्मा गांधी' के दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापसी के सौ वर्ष पूरे होने को समर्पित है। समारोह के मुख्य अतिथि गुयाना के राष्ट्रपति डोनाल्ड रामअवतार होंगे। समारोह में अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए दक्षिण अफ्रीका की विदेश मंत्री मैती नकोआना-माशाबाने को आमंत्रित किया गया है, हालांकि अभी उनकी स्वीकृति का इंतजार है।
उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में प्रवासी भारतीयों की संख्या 2.5 करोड़ के आसपास है। उन्होंने कहा कि इस बार सम्मेलन में युवाओं के लिए एक विशेष सत्र होगा। इसके अलावा चार और विशेष सत्र होंगे। सुषमा ने बताया कि इस बार समारोह में गुजरात साझेदार राज्य होगा, जबकि केन्द्रीय युवा तथा खेल मंत्रालय सहयोगी केन्द्रीय मंत्रालय होगा। अभी तक 10 राज्यों के समारोह में शिरकत करने की स्वीकृति मिली है जिसमें भाजपा शासित राज्यों के अलावा उत्तर प्रदेश, केरल और नागालैंड जैसे गैर भाजपा शासित राज्य भी शामिल हैं। भाजपा शासित राज्यों में गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र शामिल हैं।
संवाददाता सम्मेलन में विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल तथा खेल तथा युवा मामलों के मंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी मौजूद थे। स्वराज ने बताया कि उन्होंने देश के सभी मुख्यमंत्रियों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है और अब तक 10 मुख्यमंत्रियों ने आने की मंजूरी दी है। समारोह में सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्किल इंडिया, नमामी गंगा आदि परियोजनाओं के बारे में विशेष जानकारी के सत्र होंगे ताकि इनमें निवेश के अवसरों की संभावनाओं पर गौर किया जा सके।
मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम 'मेक इन इंडिया' पर फोकस के अलावा केरीबियाई देशों के 'गिरमटिया' भारतवंशियों, खाड़ी देशों में रहने वाले अनिवासी भारतीयों, फ्रांसीसी भाषी क्षेत्र के प्रवासियों और अनिवासी भारतीयों संबंधी विभिन्न मुद्दों पर अलग से विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह कथन सच्चाई से परे है कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के कारण समारोह गुजरात में कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चार साल पहले जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र भेजकर 2015 का समारोह गांधीजी की स्वदेश वापसी की जन्मशती पर गुजरात में कराने का आग्रह किया था।
स्वराज ने बताया कि उनका मंत्रालय ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को पर्सन ऑफ इंडियन ऑरिजीन (पीआईओ) कार्ड के साथ मिलाने और इन कार्ड धारकों को आजीवन वीसा सुविधा देने पर काम कर रहा है। प्रवासियों को मताधिकार के सवाल पर सुषमा ने कहा कि प्रवासियों को मताधिकार का विषय चुनाव आयोग के समक्ष विचाराधीन है और वह इसके तौर तरीकों को लेकर तेजी से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रवासियों को मतदान कराने के लिये प्रमुख रूप से तीन तरीकों पर विचार किया जा रहा है। इनमें एक विकल्प यह है कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दूतावास में लगाया जाए। दूसरा विकल्प प्रॉक्सी मतदान यानी किसी प्रतिनिधि के माध्यम से मतदान का अधिकार दिया जाए तथा तीसरा विकल्प भारत में आकर सामान्य ढंग से वोट डालने का हक दिया जाए। स्वराज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनाव आयोग जल्द ही इस पर उचित निर्णय ले लेगा।
सुषमा स्वराज ने बताया कि समारोह की शुरुआत सात जनवरी को युवा सत्र से होगी, जिसमें प्रवासियों के बच्चे हिस्सा लेंगे और उनके साथ भारत की महान विरासत और आगे बढ़ते भारत पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा चार और विशेष सत्र होंगे। 8 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य सत्र को संबोधित करेंगे। 9 जनवरी को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 15 प्रख्यात प्रवासियों को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित करेंगे।