बांटने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ना होगा
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का मानना है कि भारत और अमेरिका में बहुत कुछ कॉमन है, जैसे डेमोक्रेसी, कल्चर आदि। नई दिल्ली में ओबामा फाउंडेशन द्वारा 1 दिसंबर को आयोजित टाउन हॉल कार्यक्रम में भारत के 300 यंग लीडर्स को संबोधित करते हुए ओबामा कहा, हमें बांटने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ना होगा। पेश है संबोधन के कुछ प्रमुख अंश...
हिन्दी में अपने संबोधन की शुरूआत करते हुए ओबामा ने कहा, आप मुझे सुनने के लिए यहां आए इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। ओबामा ने आगे कहा, मैं इस देश में रिपब्लिक-डे पर चीफ गेस्ट बनने वाला पहला अमेरिकी प्रेसिडेंट था। हम व्हाइट हाउस में दीपावली भी मनाते हैं। आज अमेरिका में लाखों भारतीय हैं और वहां की इकोनॉमी ही नहीं, बल्कि हर सेक्टर में योगदान दे रहे हैं। हम लोगों में बहुत कुछ कॉमन है। जैसे डेमोक्रेसी और कल्चर। कुछ सेक्टर ऐसे हैं जहां आज भी काम किए जाने की जरूरत है। पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट ने कहा, हमें अगली जेनरेशन के लिए लीडरशिप तैयार करनी है। ओबामा फाउंडेशन हर जगह डिजिटल नेटवर्क खड़ा करना चाहता है। यहां आने के पहले हमने जर्मनी और ब्राजील में भी काम किया और लोगों से बातचीत की। हम जानते हैं कि भारत में कई यंग लीडर्स हैं। ये लोग संस्कृति से लेकर पर्यावरण तक के लिए काम कर रहे हैं। जाहिर है भारत दुनिया के लिए आशावाद का केंद्र है।
ओबामा ने कहा, भारत में कुलदीप दंगवादिया जैसे लोग हैं जिन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया है। मुद्दा ये है कि इन यंग लीडर्स ने दुनिया को बताया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो दुनिया को एक नए और बेहतर रास्ते पर ले जाया जा सकता है। आपको बांटकर देखने की बजाए सिर्फ ये सोचना है कि आप इंसान हैं और इस दुनिया को कुछ देने के लिए इस जमीन पर आए हैं। आगे बढ़ने के लिए काम करते हैं तो कई दिक्कतें और परेशानियां आएंगी। लेकिन, इनसे ही तो बाहर निकलकर दुनिया को कुछ देने की चुनौती आपके सामने है। इसलिए मैं कहता हूं कि मिलकर काम करना है।
हेल्थ अवेयरनेस के सवाल पर ओबामा ने कहा, मुझे लगता है कि यंग लोगों को इस बारे में दुनिया को अवेयर करना होगा, क्योंकि उनके पास हेल्थ के बारे में ज्यादा जानकारी होती है। विकसित देशों में हेल्थ की सुविधाएं ज्यादा हैं, लेकिन बीमारियों को रोकने के लिए और काम किए जाने की जरूरत है। हम उम्मीद करते हैं कि माताओं को प्रसव से पहले सावधानियां रखनी चाहिए। साफ पानी मिलना चाहिए और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं पर काम किया जाना चाहिए। इसके लिए पैसा भी जरूरी है। न्यूट्रिशन एक अहम मसला है। भोजन ज्यादा नहीं करना चाहिए लेकिन जो हो वो सेहत को बेहतर बनाने वाला हो। नैचुरल फूड्स को तरजीह दी जानी चाहिए। इससे हमारे किसानों और हमें दोनों को फायदा होगा।
ओबामा ने कहा, टेक्नोलॉजी दुनिया को बेहतर बना सकती है लेकिन कई बार इसके खतरे भी सामने आते हैं। इसके जरिए आप लोगों तक बहुत जल्दी पहुंच सकते हैं। मुझे अपने इलेक्शन में सोशल मीडिया का बहुत फायदा मिला था। ब्यूरोक्रेसी और इन्फ्रास्ट्रक्चर में इसका इस्तेमाल बढ़ाया जाना चाहिए। इन्फॉर्मेशन को हम लोगों तक जल्दी पहुंचा सकते हैं, लोग हमसे कम्युनिकेट कर सकते हैं। इसके जरिए ज्यादा लोगों तक, ज्यादा जल्दी और ज्यादा कारगर तरीके से अपनी बात और सुझाव पहुंचा सकते हैं। अगर आपको कोई पढ़ाने वाला ना हो तो आप टेक्नोलॉजी के जरिए भी बेहतर एजुकेशन हासिल कर सकते हैं। इसके लिए डिवाइस मौजूद हैं। लेकिन, मैं मानता हूं कि टेक्नोलॉजी के खतरे भी हैं। आपको इन खतरों का ध्यान रखना और इनसे बचना है। ताकि सोसायटी पर इसका बुरा असर ना पड़े। हम चाहते हैं कि लोग ऑनलाइन संपर्क करें, लेकिन ऑफलाइन जरूर मिलें। हम ओबामा फाउंडेशन में लोगों के एक दूसरे से मिलने को ज्यादा अहम मानते हैं।
ओबामा ने कहा, हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग नस्लों के लिए अलग स्कूल के विचार को खारिज कर दिया था। आज इसका नतीजा सामने है। वहां की सोसायटी को इससे फायदा मिल रहा है। दुनिया को भूख से बचाना है। आपको उन लोगों को सुनना चाहिए, जिनसे आप मदद लेना चाहते हैं। क्योंकि, इससे समाज को ही फायदा मिलना है। कुछ लोग क्लाइमेट चेंज का मामला उठाते हैं। सूखे की बात करते हैं, लेकिन इन सारी चीजों को किस तरह रोका जाए...ये भी सोचना होगा। आपको अपने प्रयास और एजेंडा ऐसे सेट करना चाहिए ताकि आपकी ऊर्जा सही दिशा में लगे। आप जिन लोगों के साथ कम कर रहे हैं, उनसे रिश्ते बेहतर होने चाहिए। ऐसा करने से कामयाबी जल्दी मिलती है। ये बहुत जरूरी है कि आप अपने काम करने के दौरान खूब मस्ती भी करें। मैं यही करता था। इससे सुकून मिलता है। देखिए काम करने के साथ सबसे जरूरी चीज मनोरंजन है। फिल्म देखें, खेलें या पार्टी करें। नहीं तो जो काम आप कर रहे हैं उसमें मन नहीं लगेगा। कुछ खालीपन सा लगता है।"
टाउन हॉल में एक ट्रांसजेंडर ने ओबामा से कहा, मैंने भीख मांगी, सेक्स वर्कर रही और आज आपसे प्यार करती हूं। मेरे कई सवाल हैं। मेरा सवाल है कि राज्य ट्रांसजेंडर से भेदभाव क्यों करता है? मैं कैसे अपने सवालों और परेशानियों का हल ढूंढ सकती हूं। हम भी समाज का हिस्सा हैं? मैं आपको गले लगा सकती हूं? ओबामा ने जवाब दिया, जरूर, लेकिन इस प्रोग्राम के बाद। फिर ओबामा ने ट्रांसजेडर के सवालों का जवाब दिया, यह भारत की संसद और उसके कानून का मामला है। हम चाहते हैं कि सभी को अपनी आवाज उठाने का हक मिले। सिर्फ इसलिए कि कोई अलग है, उसके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। हमको एक सही तरीके से समाज की सोच में बदलाव लाना होगा। एक अश्वेत के तौर पर मुझे भी पहले यही लगता था कि मैं दुनिया से अलग हूं। अच्छा नहीं लगता था। लेकिन, वहां हालात बदले। आप जब आवाज उठाते हैं तो लोग फिर साथ आ ही जाते हैं। अगर आप ट्रांसजेंडर हैं तो आपको सेक्शुअल असाल्ट के खिलाफ आवाज उठानी होगी। राजनीतिक दबाव बनाना होगा और लोगों को अपने साथ लाने की कोशिश करनी होगी। इसमें वक्त लगता है, लेकिन कामयाबी तय है।