फ्रेंडशिप-डे स्पेशल: M&M की ये असल कहानी, एक दोस्त हिन्दुस्तानी तो दूसरा दोस्त पाकिस्तानी
दीपक कुमार
देश की दिग्गज कंपनियों में से एक M&M यानी महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, देश का बच्चा-बच्चा M&M का यही नाम जानता है। लेकिन जब M&M का गठन हुआ था, उस वक्त इसका नाम महिन्द्रा एंड महिन्द्रा नहीं बल्कि महिन्द्रा एंड मोहम्मद था। आपको यकीन नहीं हो रहा है न, लेकिन ये सच है। आज भारत और पाकिस्तान के बीच खराब रिश्ते या यूं कहें दुश्मनी के किस्से मीडिया की सुर्खियां बनते हैं, लेकिन फ्रेंडशिप-डे के मौके पर हम आपको ऐसे दो दोस्तों की कहानी बताने जा रहे हैं जिसमें दो भारतीय थे और एक पाकिस्तानी। इन तीनों में दो महिन्द्रा ब्रदर्स पहला केसी महिन्द्रा और दूसरा जेसी महिन्दा और उनके साथ तीसरा दोस्त मलिक गुलाम मोहम्मद, इन्हीं तीनों ने मिलकर महिंद्रा एंड मोहम्मद के नाम से कंपनी की नींव रखी थी।
आजादी से दो साल पहले हुआ था कंपनी का गठन
लुधियाना के महिन्द्रा ब्रदर्स केसी महिन्द्रा और जेसी महिन्द्रा के साथ मलिक गुलाम मोहम्मद ने मिलकर महिन्द्रा एंड मोहम्मद नाम से आजादी के दो साल पहले कंपनी की 1945 में नींव रखी। मौजूदा वक्त में M&M ऑटो सेक्टर की बड़ी कंपनियों में गिना जाता है। M&M का कारोबार भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में है, लेकिन महिन्द्रा एंड मोहम्मद की नींव मुंबई में एक स्टील कंपनी के तौर पर रखी गई थी।
कब और क्यों अलग हुए महिन्द्रा एंड मोहम्मद?
महिन्द्रा ब्रदर्स और मलिक गुलाम मोहम्मद का सपना इस कंपनी को देश की बेहतरीन स्टील कंपनी बनाना था, लेकिन 1947 में आजादी के बाद महिन्द्रा एंड मोहम्मद की दोस्ती खत्म हो गई। 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी जरूर मिली लेकिन देश दो टुकड़ों में बंट गया, एक हिन्दुस्तान और दूसरा पाकिस्तान। इसका खामियाजा महिन्द्रा एंड मोहम्मद को भी भुगतना पड़ा, महिन्द्रा ब्रदर्स हिन्दुस्तान में रह गए और मलिक गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए।
महिन्द्रा एंड मोहम्मद बना जब महिन्द्रा एंड महिन्द्रा
मलिक गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान जाकर वहां के पहले वित्त मंत्री बने और यहां भारत में रहकर महिन्द्रा ब्रदर्स ने कंपनी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। महिन्द्रा ब्रदर्स ने तय किया कि अब कंपनी का नाम महिन्द्रा एंड मोहम्मद से बदलकर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा कर दिया जाए। फिर 1948 में कंपनी का नाम बदल दिया गया, लेकिन नाम बदलकर महिन्द्रा एंड महिन्द्रा रखने के बावजूद इसका नाम M&M ही रहा।
सिर्फ नाम हीं नहीं काम और मकसद भी बदला
1948 में सिर्फ कंपनी का नाम हीं नहीं बदला, बल्कि अब तक जो कंपनी का उद्देश्य था वो भी बदला गया। 1945 में कंपनी की नींव एक बेहतर स्टील कंपनी बनाने के मकसद से की गई थी लेकिन अब 1948 से कंपनी का नाम बदलने के साथ महिन्द्रा बंधुओं ने ऑटो इंडस्ट्री में कदम रखने का फैसला किया। एक अमेरिकी कंपनी में काम करने के दौरान केसी महिन्द्रा ने अमेरिका में जीप देखी थी। यहीं से उन्होंने अपने देश में भी जीप निर्माण का सपना देखा था और उस सपने को हकीकत में बदलने के लिए कंपनी ने भारत में जीप का प्रोडक्शन शुरू किया। कुछ समय बाद कंपनी ने हल्के कमर्शियल व्हीकल और फिर ट्रैक्टर की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू की। इसके बाद धीरे-धीरे सफर बढ़ता गया और आज महिन्द्रा सिर्फ ऑटो सेक्टर नहीं बल्कि फाइनेंस, रियल एस्टेट, होटल कारोबार समेत कई तरह के बिजनेस से जुड़ी है।
कौन थे मलिक गुलाम मोहम्मद?
M&M से अलग होने के बाद मलिक गुलाम मोहम्मद राष्ट्र निर्माण में पाकिस्तान के पहले वित्त मंत्री बने। मलिक गुलाम मोहम्मद का जन्म 20 अप्रैल 1895 में लाहौर में हुआ था और वो पंजाब के पश्तो कबीले काकजई के मध्यवर्गी परिवार से संबंधित थे। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद इंडिया अकाउंट सर्विस में नौकरी की, बाद में उन्होंने हैदराबाद के निजाम के इकोनॉमिक एडवाइजर के तौर पर भी काम किया। पाकिस्तान में लियाकत अली की हत्या के बाद वो तीसरे गवर्नर जनरल भी बने।