क्योंकि 'बुआ' की जगह कोई और बर्दाश्त नहीं इसलिए 'भतीजी' करेगी राजनीति
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चेन्नई: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के बाद उनके परिवार की एक और सदस्य राजनीति में पदार्पण करने का फैसला ले चुकी है। ये है जयललिता की तरह दिखने वाली उनकी अपनी भतीजी दीपा जयकुमार। जयललिता के निधन के 42 दिन बाद मंगलवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में दीपा ने कहा- मैं 24 फरवरी को बुआ के जन्मदिन पर अपने पॉलिटिकल रोडमैप का एलान करूंगी। मैं उनकी जगह किसी और को बर्दाश्त नहीं कर सकती। चीजें अब बिगड़ रही हैं, पार्टी कैडर्स की राय को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस बीच, AIADMK चीफ शशिकला के पति नटराजन ने कहा है- मेरी वाइफ ने 30 साल तक जयललिता को प्रोटेक्ट किया, अब अगर मेरी फैमिली राजनीति में है तो इसमें कुछ भी अनैतिक नहीं है।
मिलिए दीपा से-
बुआ जयललिता के नक्शेकदम पर चलने का फैसला ले चुकी दीपा जयललिता के बड़े भाई जयकुमार की बेटी हैं। जयकुमार का भी निधन हो चुका है। बताया जाता है कि भाई से जयललिता के मधुर संबंध थे लेकिन बाद में रिश्तों में खटास आ गई और दीपा मानती हैं कि इसके लिए काफी हद तक शशिकला का परिवार जिम्मेदार है। दीपा के मुताबिक 1991 में जब वे मुख्यमंत्री बन गईं तब भी अच्छे संबंध थे। लेकिन पिता की मौत के बाद दूरियां बढ़ गईं। दीपा कहती हैं- हमें उनसे बात करने नहीं दिया गया, हमें कहा गया कि आपकी बुआ आप लोगों को नहीं चाहती।
'राजनीति शुरू करने का सही समय'
गौरतलब है कि तमिलनाडु की 6 बार सीएम रहीं जयललिता का 5 दिसंबर 2016 को निधन हो गया था। मंगलवार को सत्तारूढ़ AIADMK के फाउंडर एमजी रामचंद्रन का 100वां जन्मदिवस है। इसी मौके पर दीपा ने चेन्नई में अपने घर पर मीडिया से बातचीत में कहा- मैंने सही वक्त पर राजनीतिक करियर शुरू करने की योजना बनाई है। आज से मैं अपनी जिंदगी का एक नया दौर शुरू कर रही हूं। पॉलिटिक्स ज्वाइन करने को लेकर जारी अटकलों को खत्म करते हुए उन्होंने कहा- मुझे राजनीति में रुचि है और लोगों के लिए काम करने का इंतजार है। मेरे ख्याल से इसके एलान का 24 फरवरी से बेहतर कोई और दिन नहीं हो सकता। इस दौरान दीपा के घर पर एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी। कैडर्स ने उनसे पार्टी का नेतृत्व करने की अपील की।
'मेरे पास विकल्प दो'
दीपा ने कहा- मुझे कोई भी राजनीति में आने से रोक नहीं सकता। मेरे पास दो विकल्प हैं, मैं नई पार्टी बनाऊं, या फिर कोई दूसरी पार्टी ज्वाइन कर लूं। मैं कोई भी फैसला लेने से पहले अपने समर्थकों से बात करूंगी। इसके लिए मैं पूरे राज्य का दौरा करूंगी। मैं चुनाव भी लड़ूंगी। मुझे लेकर चल रही अफवाहें सिर्फ मुझे बदनाम करने की कोशिश है, लोग सच्चाई नहीं जानते। शशिकला के परिवार ने झूठे दावे किए हैं कि बुआ उनकी सलाह लेकर काम करती थीं।
दीपा ने कहा- खून का रिश्ता होने के चलते मैंने कई बार बुआ के साथ रहने की कोशिश की। वह ऐसी शख्स थीं जिनसे मैं सबसे ज्यादा प्यार करती थी। यहां तक कि कई लोगों ने साफ तौर पर मुझे उनके उत्तराधिकारी के रूप में देखा। दीपा ने शशिकला को जया का उत्तराधिकारी बताने और उन्हें पार्टी चीफ बनाने पर दिसंबर में एतराज जताया था। उन्होंने कहा था- यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे असंतोष भड़क सकता है। यह गलत है कि बुआ ने शशिकला या उनके किसी रिश्तेदार को उत्तराधिकारी घोषित किया था। इसके उलट बुआ ने उन्हें (शशिकला) राजनीति से बाहर रखा था। जबकि मैं घर की हूं, शशिकला को लेकर गलतफहमी बहुत है। दीपा ने दावा किया कि शशिकला ने उनकी बुआ के पीठ पीछे और उनकी जानकारी के बिना बहुत कुछ किया। जिसका पता चलने पर बुआ नाराज भी होती थीं।
AIADMK में कम नहीं हैं दीपा के समर्थक
राज्य में पिछले कुछ हफ्तों से दीपा के जयललिता के साथ पोस्टर्स नजर आ रहे हैं। ये पोस्टर्स AIADMK में दीपा के समर्थकों ने लगाए हैं। इनमें दीपा को जया की तरह ही पेश करने की कोशिश दिखती है। एआईएडीएमके में राजनीति चरम पर है। पार्टी का एक गुट दीपा को जयललिता की करीबी दोस्त शशिकला नटराजन के मुकाबले में देख रहा है। ये वही गुट है जो शशिकला से नाराज है। शशिकला को हाल ही में पार्टी का महासचिव चुना गया है। उनकी देख-रेख में ही पार्टी को आगे बढ़ाने का फैसला हुआ है। वहीं, शशिकला के पति नटराजन ने अपनी पत्नी का बचाव किया है। उन्होंने कहा- एमजीआर के निधन के बाद जया का बचाव करने में मेरे परिवार की भूमिका अहम थी। शशिकला ने 30 साल तक जयललिता को बचाया। जब उन्हें एमजीआर के शव को देखने की इजाजत नहीं दी गई तो हम उन्हें अंतिम संस्कार तक लेकर गए। ब्राह्मण जयललिता को सीएम बनाने के विरोध में थे, सिर्फ हम ही उनके साथ थे। अब अगर मेरा परिवार राजनीति में है तो इसमें कुछ भी अनैतिक नहीं है।