राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करा वाघेला ने कांग्रेस को दिया गच्चा!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अहमदाबाद : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गुजरात कांग्रेस में जिस तरह की आशंकाएं थी, नतीजे आने और एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के जीतने से सच साबित हो गई। गुजरात के 11 कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी लाइन के खिलाफ विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार की बजाए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को वोट किया। ये 11 विधायक कौन हैं या हो सकते हैं, इसका हिसाब कांग्रेस के आला नेता लगा रहे हैं। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शंकर सिंह वाघेला ने दावा किया है कि उन्होंने मीरा कुमार को वोट किया लेकिन कांग्रेसी विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग दुर्भाग्यपूर्ण है।
दरअसल, कांग्रेस के आलाकमान को क्रोस वोटिंग का पहले से ही डर था। डर की वजह बने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला। इसी साल दिसंबर में होने वाले चुनाव की तैयारियां नहीं होने को लेकर वाघेला आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि वाघेला प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी से नाराज हैं। लेकिन आलाकमान का आशीर्वाद सोलंकी पर होने के चलते, वाघेला जो चाहते हैं वो कर नहीं पा रहे हैं। माना जा रहा है कि शुक्रवार को वाघेला अपने जन्मदिन के मौके पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने की घोषणा कर सकते हैं।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए जैसे ही मीरा कुमार को खड़ा किया, उनकी जीत के लिए कांग्रेस और उनकी सहयोगी पार्टियों के सारे विधायकों के वोट मीरा कुमार को मिलें, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश इकाई को आदेश दिए गए। कई बैठकों के बाद राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग के दिन शंकर सिंह वाघेला की बाकी नेताओं की उपस्थिति से यह कयास लगाए जाने लगे कि वाघेला और उनके समर्थक कांग्रेस की रणनीति के मुताबिक चले हैं, लेकिन नतीजे आने के बाद पत्ते खुल गए। रामनाथ कोविंद के समर्थन में 121 विधायकों के सामने 132 वोट मिले जबकि मीरा कुमार को 60 विधायकों के वोट मिलने चाहिए थे, मिले 49। यानी 11 वोटों का सीधा नुकसान। मतलब साफ है कि 11 विधायकों ने बगावत करते हुए मीरा कुमार को वोट नहीं दिया।