बेटे अखिलेश ने पापा मुलायम को ऐसे पछाड़ा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का काम वाकई उनके लिए बोल रहा है। समाजवादी पार्टी और परिवार की अंतकर्लह के बावजूद मुख्यमंत्री अखिलेश का ग्राफ पिता से ज्यादा बढ़ा है। कम से कम एक ताजा सर्वेक्षण तो यही कहता है। बेटे की लोकप्रियता अपने पिता और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम के मुकाबले ज्यादा बढ़ी है। स्पष्ट दिख रहा है कि नेताजी और चाचाजी की नजरों में भले सीएम गिरे हों लेकिन उनके चाहने वालों की तादाद में काफी इजाफा हुआ है। करीब 75 फीसदी लोगों की पसंद अखिलेश बन गए हैं। सी-वोटर ने ये सर्वेक्षण कराया है।
ऐसा देखा गया कि अखिलेश का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। वहीं चाचा और पापा का ग्राफ लगातार ढलान की ओर है। मुलायम, अखिलेश और शिवपाल यादव को लेकर सी-वोटर ने एक सर्वे सितंबर में और दूसरा अक्टूबर के मध्य में किया। सर्वे के नतीजों के मुताबिक, चाचा शिवपाल के मुकाबले अखिलेश को पसंद करने वाले लोगों की संख्या सितंबर में 77.1 प्रतिशत थी जो अक्टूबर में बढ़कर 83.1 प्रतिशत हो गई।
यानी अखिलेश को चाहने वालों की संख्या छह फीसदी बढ़ गई। इसी तरह, पिता मुलायम की तुलना में भी अखिलेश अधिक लोकप्रिय नजर आते हैं। दोनों की लोकप्रियता की तुलना वाले सवाल में भी अखिलेश को इस बार 76 जबकि पिछले महीने 67 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया। मुलायम के प्रति पिछली दफा 19, जबकि इस दफा 15 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया।
अखिलेश सपा के पारंपरिक वोटरों की सीमा भी लांघते दिख रहे हैं। मुलायम से तुलना की बात रखे जाने पर भी 55 साल से ज्यादा उम्र वाले 70 फीसद लोग अखिलेश को पसंद करते हैं।
सर्वेक्षण जिन लोगों के बीच किया गया, उनमें से 68 फीसद लोगों का मानना है कि अखिलेश पार्टी को गुंडा छवि से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। 63.2 प्रतिशत लोगों का यह भी मानना है कि अखिलेश को उन लोगों को पार्टी में शामिल नहीं करने देना चाहिए जो आपराधिक छवि के हैं।
हालांकि, इस बीच सबकी नजर तीन नवंबर से शुरू होने वाली अखिलेश की रथयात्रा पर है। खबरों के मुताबिक, दोनों खेमों की खींचतान के बीच अखिलेश की रथयात्रा के कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है और अब ये रथयात्रा एक दिन की ही होगी। यानी इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अखिलेश पांच तारीख को लखनऊ में पार्टी के रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे।