नीतीश ने दी शरद को चुनौती ; 'वो' भाजपा संग गठबंधन स्वीकार करें या फिर अपना रास्ता चुन लें
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि शरद यादव किसके प्रति वफादार रहना चाहते हैं, इसका फैसला वह खुद करने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन का फैसला पूरी पार्टी की सहमति से लिया गया है। इस परिस्थिति में वो भाजपा के साथ गठबंधन स्वीकार करें या फिर अपना रास्ता चुन लें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने यहां संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'शरद यादव अपना फैसला लेने के लिए आजाद हैं। जहां तक पार्टी का सवाल है तो पार्टी ने अपना फैसला ले लिया है। यह फैसला सिर्फ मेरी इच्छा पर निर्भर नहीं है, इसपर पूरी पार्टी की सहमति है। मैंने पहले भी यह साफ कर दिया था, लेकिन फिर भी वह (शरद यादव) अपनी राय जाहिर करना चाहते हैं, तो वह इसके लिए आजाद हैं।' नीतीश ने कहा कि वह बिहार के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से मिलने आए थे। इसी महीने वह एक और विस्तृत मुलाकात के लिए फिर आएंगे।
मालूम हो कि आरजेडी के साथ गठबंधन तोड़ने पर जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिए हैं। जेडीयू के भीतर विवाद तब और गहरा गया जब शरद यादव ने गुरुवार को कहा था कि उनकी पार्टी अभी भी आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन के साथ है। वहीं, सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विपक्ष की बैठक में शरद यादव को भी न्योता दिया। इसपर जेडीयू ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। जेडीयू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस उनकी पार्टी में दरार डालने की कोशिश कर रही है।
जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कांग्रेस तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अपनी पार्टी को मिलाकर बने 20 माह पुराने महागठबंधन से अलग होते हुए 26 जुलाई को मुख्यंमत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। फिर अगले ही दिन 27 जुलाई को उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।