जनादेश 2018 ; अति की हद पर अर्द्धविराम
हदें केवल देशों की ही नहीं होती हैं। हदें इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं की भी होती हैं। निजी संपत्ति और अति की भी होती हैं। राजनीति में झूठ, जुमलेबाजी, नकरात्मकता और पोंगापंथी की भी होती है। इन पर पहले अर्द्धविराम फिर पूर्ण विराम लगता है। अभी अर्द्धविराम लगा है। 2019 में पूर्ण विराम लगाने का आगाज है। इस लिहाज से यह शुरुआत है राजनीति में नकरात्मकता के अंत का। अब इसे कोई नेता नहीं रोक सकता। यह जनता का फैसला है। यह किसी नेता के मन की बात नहीं है। यह सार तत्व है पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजों का।
संत मत परंपरा और गुरमीत राम रहीम
सत्यवादी, आशावादी और सही मार्ग पर चलने वाले को संत कहा जाता है। वैसे संत शब्द संस्कृत की सद् धातु से बना है और कई प्रकार से प्रयोग किया गया है। मसलन, सत्य, वास्तविक, ईमानदार और सही। इसका मूल अर्थ है सत्य जानने वाला अथवा जिसने अंतिम सत्य का अनुभव कर लिया हो।