आखिरकार सच बाहर आ ही गया। देश में 2017-18 में बेरोज़गारी दर कुल उपलब्ध कार्यबल का 6.1 प्रतिशत रही जो 45 साल में सर्वाधिक है। आम चुनाव से ठीक पहले बेरोज़गारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट लीक हो गई थी जिसकी पुष्टि शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में हुई है।
आने वाले वक्त में देश में बेरोजगारी का संकट बढ़ने वाला है। नौकरियां और कम होने जा रही है। इस हालात से निपटने के लिए अभी से राजनीतिक दलों के नेता बेरोजगार युवाओं की बढ़ती फौज को संभालने के लिए न्यूनतम मासिक आमदनी (यूबीआई) के रूप में लॉलीपॉप थमा रही है।