आतंकवाद को लेकर हमेशा अटैकिंग मोड में खेलने वाला पाकिस्तान पहली बार इस मसले पर झुका है। उसने अप्रत्यक्ष तौर पर मान लिया है कि आंतकी ग्रुप्स को फंडिंग उसके यहां होती है और ये देश उनके लिए सेफ हेवन (सुरक्षित ठिकाना)है। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की तरफ से ब्लैक लिस्ट होने से बचने के लिए पाक ने ये कदम उठाया है।