भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की 200 से अधिक वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों के नाम और पते सार्वजनिक कर दी हैं। आधार नंबर जारी करने वाली संस्था ने एक आरटीआई के जवाब में कहा कि उसने इस उल्लंघन पर संज्ञान लिया है और इन वेबसाइटों से जानकारियां हटवा दी हैं।