बड़े खतरे उत्तर कोरिया की समस्या को सुलझा लेंगे ट्रम्प
टाओरमिना/इटली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया को विश्व के लिए बड़ा खतरा करार दिया है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से शुक्रवार को कहा कि इस समस्या से उचित समय पर निजात पा ली जाएगी वह चाहें तो शर्त लगा लें। ट्रम्प यहां जी 7 शिखर बैठक से पूर्व शिंजो के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत कर रहे थे।
ट्रम्प ने कहा कि उत्तर कोरिया का मुद्दा हम सब के दिमाग में है। यह एक बड़ी समस्या है। सही मायने में देखें तो यह विश्व समस्या है। लेकिन आप विश्वास करें कि सही समय पर इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। आप शर्त लगा सकते हैं।
ट्रंप ने अप्रैल में अमेरिकी नौसेना के पोतों का एक बेड़ा जापान सागर की ओर भेजा था, जिसे क्षेत्र में शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया था। बाद में ट्रंप ने संकेत दिया कि वह उत्तर कोरिया का मुद्दा सुलझाने के लिए किसी कूटनीतिक समाधान को वरीयता देंगे, जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को मध्यस्थ बनाएंगे।
ट्रंप ने मई के शुरुआत में कहा था कि 'वह उचित माहौल में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन से मिलेंगे। हालांकि बाद में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने इस बात को हल्का कर के पेश किया। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल और परमाणु परीक्षण कर रहा है जिसे विश्व की शांति के लिए खतरा माना जा रहा है।
वहीं जापान भी इस सम्मेलन में नॉर्थ कोरिया के अप्रत्याशित रवैये को विश्व पटल पर रखना चाहता है। जापान चाहता है कि उसके मिसाइल और परमाणु परीक्षण पर विश्व बिरादरी गंभीरता से विचार करे। जापानी प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि उत्तर कोरिया ना सिर्फ पूर्वी एशिया बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लिए बड़ा खतरा है।
गौरतलब है कि हाल ही में प्योंगयांग ने वॉशिंगटन तक को अपने जद में लेने वाले परमाणु हथियार का सफल परीक्षण करने का दावा किया है। अमेरिका को डर है कि अगर किम जोंग जैसे सनकी राज्याध्यक्ष को नहीं रोका गया तो इस क्षेत्र में जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश भी अपनी सुरक्षा के मद्देनजर हथियारों की होड़ में शामिल हो जायेंगे। ट्रम्प ने अप्रैल में ही फिलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते से बातचीत में कहा था कि किम जैसे पागल शख्स को परमाणु हथियारों का खुला इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। अमेरिका रणनीतिक तौर पर मामला सुलझाने को लेकर भी सक्रिय है। क्योंकि अमेरिका के लिए चीन को मनाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि चीन के उत्तरी कोरिया के साथ मजबूत व्यावसायिक रिश्ते हैं। (एजेंसियां)