चीन ने भारत को दी युद्ध की चेतावनी; कहा- एक पहाड़ को हिलाना आसान, पर चीनी सेना को नहीं
सत्ता विमर्श डेस्क
बीजिंग : सिक्किम सीमा पर डोकलाम विवाद को लेकर चीनी सेना ने भारत को खुली धमकी दी है। चीन ने कहा है कि भारत को किसी तरह की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। अपने इलाके की सुरक्षा के चीन के इरादे को कोई हिला नहीं सकता। एक पहाड़ को हिलाना आसान है, लेकिन चीन की सेना को नहीं। बीते एक महीने से चले आ रहे तनाव के बीच चीन ने पहली बार इस तरह का आधिकारिक बयान जारी किया है। इससे पहले चीनी मीडिया के माध्यम से बयान दिए जा रहे थे।
चीनी रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई इस अधिकृत चेतावनी को भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संसद में (20 जुलाई 2017) दिए गए उस बयान की प्रतिक्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था चीन से कहा था कि यदि चीन चाहता है कि भारत इलाके से अपने सैनिकों को हटा ले, तो वह भी अपने सैनिकों को भूटान-चीन सीमा पर डोकलाम से हटाए। भारत की पहली विस्तृत टिप्पणी में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन भूटान से लगी सीमा पर एकतरफा यथास्थिति बदलने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उन्होंने राज्यसभा में कहा था कि इसी वजह से भारतीय व चीनी सीमा में गतिरोध बढ़ा है।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके की सुरक्षा के चीन के पक्के इरादे को कोई नहीं हिला सकता है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कीआन ने कहा कि मैं भारतीय पक्ष को ये साफ कर देना चाहता हूं कि वह किसी तरह के भ्रम में न रहें। चीनी लिबरेशन आर्मी ने अपने 90 साल के इतिहास में अपनी क्षमता और देश को सुरक्षित रखने की अपनी ताकत को लगातार बढ़ाया है। हमारी दृढ़ता और इच्छाशक्ति अडिग है। कर्नल वू ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह अपनी सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा। जरूरत हुई तो इसके लिए वह युद्ध से भी पीछे नहीं हटेगा।
कर्नल वू ने कहा, 'हम भारत से दृढ़ता पूर्वक आग्रह करते हैं कि वह अपने सैनिकों को दोनों देशों की सीमा रेखा से वापस बुलाए। समस्या को निपटाने के लिए यही आधार है। शांति और सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा दोनों चीनी और भारतीय लोगों के हितों के साथ हो।' कि़आन ने कहा कि जून के मध्य में, चीनी सेना ने एक सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी ली थी। डोंगलंग (डोकलांग) चीन का क्षेत्र है और इस क्षेत्र में सड़क निर्माण करना एक सामान्य घटना है। यह चीन की संप्रभुता का कार्य है और वैध है। उन्होंने आगे कहा कि भारत द्वारा चीन के क्षेत्र में घुसना परस्पर मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय सीमा का एक गंभीर उल्लंघन है और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। हम अपनी संप्रभुता की रक्षा किसी भी कीमत पर करेंगे।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच डोकलाम सीमा को लेकर एक महीने से भी ज्यादा समय से चल रहा तनाव दोनों देशों को युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है। भारत मामले का समाधान कूटनीतिक स्तर पर चाहता है, लेकिन चीन ने बातचीत के लिए भारत पर सेना को वापस बुलाने की शर्त रख दी है। भारत चाहता है कि अगर वो इस इलाके से सेना हटाने की पहल करता है तो चीन को भी डोकलाम इलाके से अपनी सेना को हटाए। चीन की एकतरफा समाधान नीति नहीं चल सकती है। बीच का रास्ता निकालना होगा।