मनमोहन-नवाज की हुई वार्ता पर बेनतीजा
न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से बातचीत में दो टूक शब्दों में कहा कि विभिन्न मुद्दों पर भारत-पाक वार्ता को बहाल करने के लिए नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम उल्लंघन को खत्म करना पहली शर्त होगी। दोनों प्रधानमंत्री के बीच करीब एक घंटे तक चली बैठक में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली। हालांकि यह घोषणा की गयी कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों को संघर्ष विराम को बनाये रखने की स्पष्ट योजना बनाने तथा यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि यह बहाल रहे। इसके लिए कोई समय सीमा तय नहीं तय की गयी लेकिन भारतीय पक्ष ने कहा कि वे इस समस्या को जल्दी से जल्दी हल करना चाहेंगे।
हाल ही में प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए शरीफ के साथ सिंह की पहली बैठक में बातचीत मूलत: नियंत्रण रेखा के आस पास स्थिरता बनाने और पाकिस्तानी भूभाग से भारत के खिलाफ छेडे जा रहे आतंकवाद को रोकने पर केन्द्रित रही।
शरीफ बैठक के लिए मैनहट्टन के मध्य में बने होटल न्यूयार्क प्लेस आये जहां मनमोहन सिंह ठहरे हुए हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक दूसरे को सरकारी यात्रा के लिए आमंत्रित किया लेकिन इनकी तारीख के बारे में कोई संकेत नहीं दिया गया है।
द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति और उनका कार्यकाल खत्म होने की बात को देखते हुए इस बात की संभावना क्षीण है कि सिंह की पाकिस्तान यात्रा की मंशा पूरी हो पायेगी, जहां वह 81 साल पहले जन्मे थे। रिकार्ड के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने मीडिया को बताया कि बैठक ‘सौहार्दपूर्ण, उपयोगी और रचनात्मक रही।’ मीडिया बीफ्रिंग में भारत के साथ-साथ पाकिस्तानी पत्रकार भी मौजूद थे।
मनमोहन ने मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों की साजिश रचने वालों को सजा दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह बातचीत जम्मू के समीप हुए दोहरे आतंकी हमले की दुखद पृष्ठभूमि में हो रही है। हमलों के चलते बैठक को रद्द करने की भाजपा की मांग से अप्रभावित प्रधानमंत्री ने यह बातचीत करने का निर्णय किया। सिंह ने शरीफ से कहा कि नियंत्रण रेखा पर शांति संबन्धों में सुधार की पूर्व शर्त है। (एजेंसियां)