ICJ में फिर से जज बने भारत के दलवीर भंडारी, कांटे की टक्कर में ब्रिटेन बाहर
सत्ता विमर्श डेस्क
संयुक्त राष्ट्र : भारत के दलवीर भंडारी को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में बतौर जज एक बार फिर से चुन लिया गया है। इस चुनाव में दलवीर भंडारी का मुकाबला ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से था, लेकिन चुनाव के आखिरी दौर में ब्रिटेन ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। भंडारी की जीत के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर खुशी का इजहार करते हुए लिखा, 'वंदे मातरम- इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की जीत हुई। जय हिंद।' दलवीर भंडारी के जीतने पर ब्रिटेन ने कहा कि वह करीबी दोस्त भारत की जीत से खुश है।
ICJ की आखिरी सीट के लिए वोटिंग सोमवार रात को इंटरनेशनल कोर्ट में हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भंडारी को 193 में से 183 वोट मिले जबकि सुरक्षा परिषद में सभी 15 मत भारत के पक्ष में गये। इस चुनाव के लिए न्यूयॉर्क स्थित संगठन के मुख्यालय में अलग से मतदान कराया गया था। साल 1945 में बने आईसीजे में ऐसा पहली बार हुआ, जब इसमें कोई ब्रिटिश जज नहीं होगा।
11 राउंड तक चले इस मुकाबले में भंडारी और ग्रीनवुड के बीच कड़ा मुकाबला था। 11वें राउंड तक जस्टिस दलवीर भंडारी जनरल असेंबली में तो आगे थे मगर सिक्योरिटी काउंसिल में उनके पास क्रिस्टोफर ग्रीनवुड से कम वोट थे। लेकिन 12वें राउंड के चुनाव से पहले ब्रिटेन के राजदूत मैथ्यू राइक्रॉफ्ट ने चिट्ठी लिख कर कहा कि चुनाव के अगले चरण के लिए सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा का कीमती समय बर्बाद करना गलत है। जस्टिस भंडारी का कार्यकाल 9 साल का होगा। अभी का उनका कार्यकाल 2012 से शुरू हुआ था। बता दें कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव की सुनवाई के वक्त दलवीर भंडारी जज भी जज की कुर्सी पर थे।
अंतरराष्ट्रीय अदालत यानी आईसीजे संयुक्त राष्ट्र की ज्यूडिशियल बॉडी है। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के जरिये जून 1945 में की गई थी और अप्रैल 1946 में आईसीजे ने काम करना शुरू किया था। आईसीजे में कुल 15 जज होते हैं, जिनका कार्यकाल 9 साल के लिए होता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा चुने जाते हैं।
आईसीजे की 15 सदस्यीय बेंच के एक तिहाई सदस्य हर 3 साल में 9 साल के लिए चुने जाते हैं। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में अलग-अलग लेकिन एक ही समय चुनाव कराए जाते हैं। आईसीजे अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक कानूनी विवादों पर फैसला सुनाता है। मतलब आमतौर पर दो देशों के बीच विवाद पर फैसले सुनाता है। साथ ही यूएन के बाकी संगठनों को कानूनी राय भी देता है।