NLIU मामला: आर-पार की लड़ाई को तैयार छात्र, गांधीगिरी से मुश्किल की डायरेक्टर की राह
सत्ता विमर्श ब्यूरो
भोपाल: जैसे-जैसे नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दिन बढ़ते जा रहें हैं वैसे-वैसे छात्र भी आर-पार की लड़ाई को तैयार हो गए हैं। इस मसले को लेकर उन्होंने हाईकोर्ट के जज से मुलाकात करने के साथ ही गांधीगिरी के जरिए डायरेक्टर के लिए मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है। छात्रों ने निदेशक एसएस सिंह के घर के बाहर फूलों से रंगोली बनाई है और लिखा है 'गेट वेल सून मामू'।
इससे पहले मंगलवार को एनएलआईयू के छात्रों ने सुबह मुख्यमंत्री से मुलाकात की। जहां छात्रों ने सीएम से डायरेक्टर की शिकायत की। इन शिकायतों में मुख्य रूप से लड़कियों पर कमेंट करने और संस्थान में जातिवाद को बढ़ावा देने की हैं। वहीं छात्रों का यह भी आरोप है कि डायरेक्टर ने एनएलआईयू से पिछले साल एमपी डोमिसाइल का खत्म करा दिया। इससे मप्र के छात्रों को नुकसान हो रहा है।
ऐसे बढ़ा मामला: पूर्व में गुरुवार को स्टूडेंट डायरेक्टर से मिले थे, इसके बाद शुक्रवार सुबह से शुरू हुआ धरना रविवार को भी जारी रहा। रविवार को केरवा डेम रोड स्थित एनएलआईयू NLIU में छात्रों ने काली पट्टी बांधकर मौन धरना दिया। इससे पहले स्टूडेंट्स की समस्याएं पता करने शुक्रवार सुबह सांसद आलोक संजर और शाम को विधायक रामेश्वर शर्मा भी पहुंचे, जहां दोनों को एक छात्रा बताया कि डायरेक्टर उनके कपड़ों को लेकर भद्दे कमेंट्स करते हैं। कहते हैं, तुम जैसी लड़कियां शर्म और इज्जत बेचकर आती हैं। स्टूडेंट्स डायरेक्टर को तानाशाह बताकर उन्हें तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं। वह किसी भी आश्वासन पर आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। छात्रों ने भूख हड़ताल भी शुरू कर दी है।
इनका आरोप है कि एनएलआईयू में आर्थिक गड़बडि़यां, जात-पात, लिंगभेद जैसी घटनाएं हावी होती जा रही हैं। उधर, प्रो.एसएस सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद स्टूडेंट्स से मिलकर पूछा था कि यूनिवर्सिटी छोड़ दें क्या, तो मना करने लगे, लेकिन स्टूडेंट्स ने कहा कि किसी ने भी उनसे ये नहीं कहा। वहीं इंस्टीट्यूट के डॉयरेक्टर डॉ. सिंह ने इन आरोपों को झूठा बताया।