एक कुड़ी जिसका नाम है गुरमेहर और वो नहीं डरती है 'ABVP' से
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : ‘जो पत्थर तुम फेंकते हो, वह हमारे शरीरों को चोट पहुंचाते हैं लेकिन ये हमारे आदर्शों को चोट नहीं पहुंचा सकते।’ ये किसी बड़े नेता या वक्ता के विचार नहीं है बल्कि एक आम सी खास लड़की की सोच है। इनसे मिलिए ये हैं गुरमेहर कौर। जो उस पिता की बेटी है जिसने देश की आन-बान-शान के लिए करगिल में जान न्योछावर कर दी। इन दिनों मेहर राष्ट्रद्रोही बनाम राष्ट्रभक्त की लड़ाई लड़ने वालों के खिलाफ मुखर हैं। लेडी श्रीराम कॉलेज की इस छात्रा ने विरोध का बिगुल फूंकने का जिगरा दिखाया है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के खिलाफ। वही एबीवीपी जो छात्रों का राष्ट्रवादी संगठन है और इन दिनों रामजस कॉलेज में झड़प को लेकर चर्चा में है। करगिल में शहीद कैप्टन की बेटी कहती है- ‘मैं एबीवीपी से नहीं डरती’। यह अभियान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
करगिल में शहीद हुए कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने एक तख्ती पकड़ी हुई तस्वीर फेसबुक पर प्रोफाइल फोटो के तौर पर लगाई है। इस तख्ती पर लिखा है, ‘मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। हैशटैग स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी।’
अपनी बात को गुरमेहर फेसबुक वॉल पर बेबाकी से रखा है। उन्होंने एबीवीपी के हमले को लोकतंत्र की मूल भावनाओं के खिलाफ बताया है। इस युवती ने लिखा है- 2‘एबीवीपी द्वारा निर्दोष छात्रों पर किया गया निर्मम हमला परेशान करने वाला है और इसे रोका जाना चाहिए। यह हमला प्रदर्शनकारियों पर नहीं था बल्कि यह लोकतंत्र की हर उस धारणा पर हमला था, जो हर भारतीय के दिल के करीब है। यह आदर्शों, नैतिक मूल्यों, स्वतंत्रता और इस देश में जन्मे हर व्यक्ति के अधिकारों पर किया गया हमला था।’
गुरमेहर ने आगे लिखा है- 'यह प्रोफाइल फोटो डर के, निरंकुशता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का मेरा अपना तरीका है।’ विश्वविद्यालय में साहित्य की छात्रा के सहपाठियों और दोस्तों ने इस पोस्ट को साझा किया है। इस पहल के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद देशभर के विश्वविद्यालयों के बहुत से छात्रों ने इसी तख्ती वाली प्रोफाइल फोटो लगा ली है।
गुरमेहर की फेसबुक पोस्ट पर अब तक 2100 प्रतिक्रियाएं और 542 टिप्पणियां आ चुकी हैं। इस पोस्ट को 3456 बार साझा किया जा चुका है। दरअसल, रामजस कॉलेज में बुधवार को आइसा और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच भारी हिंसा देखने को मिली थी। यह झड़प ‘विरोध प्रदर्शनों की संस्कृति’ नामक गोष्ठी को संबोधित करने के लिए जेएनयू के छात्रों उमर खालिद और शहला राशिद को बुलाए जाने के कारण हुई थी। कॉलेज प्रशासन ने आरएसएस की छात्र इकाई के विरोध के चलते इसे रद्द कर दिया था।