छात्र नजीब गुमशुदगी मामला: हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकारा
सत्ता विमर्श
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी को लेकर हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की अब तक की कार्रवाई को नाकाफी करार दिया है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सुनवाई के लिए 22 दिसंबर की तारीख तय की है। छात्रों की मानें तो ये मामला एबीवीपी और वाममोर्चे के बीच झगड़े को लेकर है। जिसमें आरोप है कि विवि प्रशासन एबीवीपी को बचाने का प्रयास कर रहा है।
इस मामले में कोर्ट ने जएनयू छात्रसंघ से भी पुलिस की मदद करने की बात कही है। गौरतलब है कि नजीब दो महीने से लापता है। जिसके बाद जेएनयू में काफी हंगामा हुआ था और छात्रो ने वीसी तक को बंधक बना लिया था।
स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का छात्र नजीब अहमद का झगड़ा हुआ था। जिसके अगले दिन यानी 15 अक्टूबर से वो कथित तौर पर लापता है। इसके तीन दिन बाद छात्र के अभिभावकों से मिली शिकायत के बाद वसंत कुंज उत्तर थाना में कल एक व्यक्ति के अपहरण और गलत तरीके से कैद कर रखने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई।
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जेएनयू प्रशासन की ओर से भी एक वक्तव्य जारी किया गया था। जिसमें कहा गया, 'जेएनयू प्रशासन ने प्रॉक्टर स्तरीय जांच समिति के समक्ष गवाही के लिए 12 छात्रों को तलब किया था, जिनके नाम माही-मांडवी हॉस्टल में 14 अक्तूबर को हुई हिंसा की घटना से जुड़े हैं'। वक्तव्य में कहा गया, 'समिति ने यह भी कहा था कि जो भी गवाही देना चाहता है वो आगे आएं और जांच में मदद करें।
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इस मामले पर राजनीति भी खूब हुई। जहां एक तरफ वाममोर्चे और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बढ़-चढ़ कर छात्रों के बीच जाकर उनके साथ एकजुटता दिखाई थी, वहीं सरकार ने इसे विपक्ष का गलत तरीका करार दिया था।