डिजीटल इंडिया की सच्चाई! महज 25 फीसदी युवा कर रहें हैं इंटरनेट का इस्तेमाल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: आधुनिक युग और उस पर भी डिजीटल होने के लिए प्रेरित करती सरकार, ऐसे में लाजिमी था कि युवा भारत का तकरीबन 90 फीसदी युवा इंटरनेट जैसी व्यवस्थाओं को लेकर सजग होता या फिर इनका सटीक इस्तेमाल कर पाता। लेकिन हैरानी होगी जानकर कि देश का 25 फीसदी युवा ही एप्प वाले मोबाइल या फिर इंटरनेट जैसी सुविधाओं को समझ पाता है बाकि 75 फीसदी को इससे कोई सरोकार नहीं है। ऐसा एक सर्वे में खुलासा हुआ है।
पियू रिसर्च सेन्टर ने 2017 में ये सर्वेक्षण किया। जिस पर गौर करें तो पायेंगे कि 4 में से केवल एक व्यस्क ही डिजीटल इंडिया को जी पा रहा है। इस सर्वे में दक्षिण कोरिया सबसे ऊपर की पायदान पर है। यहां 96 फीसदी लोग इंटरनेट सेवा का लाभ उठा पा रहें हैं। सर्वे 37 देशों में हुआ और भारत सबसे पीछे रहा।
सर्वे में और क्या
सर्वे ये भी बताता है कि भारत में स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं का प्रतिशत 2013 में जहां 12 फीसदी था वहीं 2017 में यह बढ़कर 22 फीसदी हो गया है। वहीं सोशल मीडिया पर सक्रियता 8 से बढ़कर 20 फीसदी हो गई है। इसका सीधा मतलब है कि भारत के 78 फीसदी व्यस्कों के पास स्मार्टफोन नहीं है और करीब 80 फीसदी आबादी फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल साइट्स से दूर है।
हालांकि हाल के वर्षों में विकसित और विकासशील देशों के इंटरनेट सेवा के उपयोगकर्ताओं के मध्य अंतर कम हुआ है फिर भी काफी कुछ होना और करना बाकी है। internet penetration rates यानी इंटरनेट पैठ दर, जिसे स्मार्टफोन या फिर इंटरनेट सेवाओं को उपयोग करने से मापा जाता है- उत्तर अमेरिका और यूरोपीय देशों में बढ़ा तो एशिया-प्रशांत के कुछ हिस्सों में भी यह उत्साहवर्धक है।
इंटरनेट को लेकर ये सर्वे सरकार के उन दावों की भी पोल खोलता है जिसमें भारत की उन्नति और प्रगति की तस्वीर पेश की जाती है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज की तारीख में युवाओं के पास रोजगार नहीं है, पैसा नहीं है और शायद इसलिए वो डिजिटल इंडिया के दायरे में खुद को फिट नहीं बैठा पा रहा है, हालांकि सरकारें स्मार्टफोन योजनाओं के जरिए अपना समर्पण जरूर दर्शा रहीं हैं।