एसएससी पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच के आदेश, छात्रों ने मांगे लिखित दस्तावेज
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के विरोध में एसएससी मुख्यालय पर पिछले एक सप्ताह से धरने पर बैठे छात्र सीजीएल टीयर-2 पेपर की सीबीआई जांच के आदेश गृहमंत्री द्वारा जारी किए जाने के बावजूद आंदोलन वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं। धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि अभी तक उन्हें सीबीआई जांच के आदेश से संबंधित कोई लिखित दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया है। इसके साथ ही छात्रों ने अब सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व में एसएससी की सभी परीक्षाओं की सीबीआई जांच की मांग की है।
छात्रों का आरोप है कि उनकी मांगों को तोड़-मरोड़ कर माना जा रहा है, जबकि उनकी पहली मांग है कि 17 से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल परीक्षाओं के अलावा एसएससी सीपीओ, सीएचएसएल और एमटीएस की परीक्षाओं की भी सीबीआई जांच करवाई जाए। छात्रों की मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी गई है। छात्रों ने अधिकारियों पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया है।
सोमवार को आंदोलन के सातवें दिन एसएससी मुख्यालय पर छात्रों ने एसएससी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि एसएससी प्रशासन ने 17 से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल की टीयर-2 की परीक्षा की सीबीआई जांच के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) से सिफारिश की है, लेकिन अभी तक उन्हें सीबीआई जांच के आदेश से संबंधित कोई लिखित दस्तावेज मुहैया नहीं कराया गया है। छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को लिखित रूप में स्वीकृति नहीं दी जाती, तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे। छात्रों के आंदोलन के चलते एसएससी द्वारा 17 से 22 फरवरी तक हुई सीजीएल टीयर-2 परीक्षा की सीबीआई जांच संबंधी सिफारिश के बारे में कार्मिक राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि मामले की जांच सीबीआई से करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें समय लगेगा।
क्या है प्रश्नपत्र लीक का पूरा मामला?
एसएससी मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे परीक्षार्थियों का आरोप है कि 17 से 22 फरवरी 2018 तक हुए कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा की दूसरे चरण की ऑनलाइन परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे। देशभर के विभिन्न छात्र संगठनों का आरोप है कि लीक में एसएससी के अधिकारी और ऑनलाइन परीक्षा संचालन करने वाली एजेंसी भी शामिल है। एसएससी ने इन आरोपों को शुरू में ख़ारिज कर दिया था और प्रदर्शनकारियों से सबूत पेश करने को कहा था. चरणबद्ध एसएससी कंबाइंड ग्रेजुएट लेबल परीक्षा इस प्रकार से होता है...
पहला चरण- कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
दूसरा चरण- कंप्यूटर आधारित परीक्षा (ऑनलाइन)
तीसरा चरण- लिखित परीक्षा (विस्तृत परीक्षा)
चौथा चरण- कंप्यूटर दक्षता/स्किल टेस्ट (सर्टिफ़िकेट जांच)
एसएससी ने कब क्या कहा?
17 फरवरी 2018 : एसएससी ने नई दिल्ली के मोहन कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित परीक्षा केंद्र एनीमेट इंफोटेक की परीक्षा रद्द कर दी। परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप थे।
21 फरवरी : एसएससी ने अपने आधिकारिक सूचना में कहा कि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी ने तकनीकी परेशानी की बात कही है, जिसके कारण परीक्षा दोपहर 12.10 में शुरू की गई। परीक्षा में इस दिन कुल 41,333 छात्रों में से 33,075 शामिल हुए। इस दिन पेपर वन की परीक्षा देशभर के 206 में से 204 केंद्रों पर ली गई थी। भोपाल और पटना के एक-एक केंद्र पर परीक्षार्थियों ने परीक्षा देने से मना कर दिया।
इसी दिन एसएससी ने एक अन्य नोटिस में सुबह 10.15 बजे प्रश्न पत्र के साथ-साथ जवाब के सोशल मीडिया पर वायरल होने की शिकायत मिलने की बात कही और इसे ग़लत और आधारहीन बताया। इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराने की भी बात कही गई।
24 फरवरी : एसएससी ने 21 फरवरी को आयोजित पेपर वन की परीक्षा रद्द कर दी।
27 फरवरी : सैंकड़ों छात्र एसएससी मुख्यालय के बाहर जुटे। एसएससी ने छात्रों की टीम से मिलने की बात कही और कथित लीक से जुड़े दस्तावेज़ों को पेश करने को कहा।
28 फरवरी : एसएससी ने परीक्षार्थियों की टीम से मिलने के बाद पुख्ता सबूत एक मार्च की सुबह 10.30 बजे तक पेश करने को कहा। एसएससी का कहना था कि अगर सबूत सही पाए गए तो वो स्वतंत्र जांच एजेंसी से मामले की जांच की सिफारिश करेंगे।
1 मार्च : एसएससी अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, छात्रों की एक टीम ने गृहमंत्री से मुलाकात की। गृहमंत्री के निर्देश के मुताबिक एसएससी को मामले की जांच के लिए कहा गया है।