भाजपा सांसद गिरिराज ने छेड़ा 'नसबंदी' का राग, निशाने पर कौन?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
पटना : मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह का मानना है कि नोटबंदी के बाद अब देश में नसबंदी के लिए कानून बनाने की सख्त जरूरत है। गिरिराज बिहार के ऐसे दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद नसबंदी की वकालत की है। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने कहा था कि नसबंदी देश की जनसंख्या नियंत्रण में मददगार साबित होगी।
याद कीजिए, ये वही गिरिराज सिंह हैं जिन्होंने अपने विवादित बयानों से बिहार में भाजपा की सरकार बनने की राह में रोड़ा अटकाते रहे। खुद भी मुसीबत में फंसते रहे। ये वही गिरिराज हैं जिन्होंने नसबंदी कानून से उलट आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि हिन्दुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए। लेकिन अब वही गिरिराज नसबंदी कानून की बात करते हैं तो दाल में काला जरूर लगता है कि यह किसके लिए?
इस साल अक्टूबर महीने में गिरिराज ने कहा था कि हिन्दुओं को अधिक बच्चा पैदा कर देश में उनकी जनसंख्या बढ़ाने पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए। तब गिरिराज ने याद करते हुए कहा था कि यह उक्ति किसी और की नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत की है जिन्होंने पिछले साल अगस्त महीने में हिन्दुओं को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी थी। गिरिराज बिहार के नवादा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक और हिन्दुत्व की राजनीति के वाहक हैं।
गिरिराज ने कहा कि भारत की जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत है और हर साल ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या के बराबर इसमें बढ़ोत्तरी होती है। उन्होंने कहा, देश जनसंख्या विस्फोट से जूझ रहा है, जिसे तुरंत नियंत्रित करने की जरूरत है। वाकई गिरिराज सिंह की नीयत साफ है तो पहले उन्हें पिछले बयान (जिसमें उन्होंने कहा था कि हिन्दुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए) पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर गिरिराज उस बयान को खारिज नहीं करते हैं तो माना जाएगा कि नसबंदी कानून वाला बयान सिर्फ सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के लिए दिया गया है।