'टीपू' को राष्ट्रपति ने बताया 'बहादुर' तो कांग्रेस-भाजपा में बढ़ी तकरार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा में राष्ट्रपति राम कोविंद के टीपू सुल्तान को बहादुर बताए जाने को लेकर राजनीतिक तकरार शुरू हो गई है। कोविंद ने कहा कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए वे एक योद्धा की मौत मरे थे। भाजपा कई दिनों से टीपू जयंती मनाए जाने के फैसले का विरोध कर रही है। हाल ही में पार्टी नेता और केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने टीपू सुल्तान को हत्यारा और बलात्कारी बताया था।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कर्नाटक विधानसभा के संयुक्त सत्र में कर्नाटक को दुर्जेय सैनिकों का राज्य बताया। उन्होंने कहा कि टीपू सुल्तान ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ते हुए एक योद्धा की मौत मरे थे। इसके साथ ही वे युद्ध में मैसूर रॉकेट को विकसित करने और उसका इस्तेमाल करने में अगुआ थे। इसी तकनीक को बाद में यूरोपीयों ने अपनाया।
राष्ट्रपति के संबोधन में इस लाइन के आते ही कांग्रेस नेताओं ने मेज पीटकर खुशी जाहिर की। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक विधानसभा में भाषण देने के लिए राष्ट्रपति को बधाई दी। भगवा पार्टी 10 नवंबर को ‘टीपू जयंती’ मनाने के कांग्रेस सरकार के फैसले का विरोध कर रही है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने भाषण में टीपू के नाम को शामिल करके राष्ट्रपति कार्यालय का दुरुपयोग किया है। वहीं कांग्रेस ने कहा कि विपक्षी पार्टी को इस तरह के आरोप लगाते हुए शर्म आनी चाहिए। दरअसल भाजपा पूरा जोर लगाकर इसलिए इसका विरोध कर रही है क्योंकि वह टीपू सुल्तान को एक कट्टर धार्मिक और क्रूर हत्यारा मानती है।
विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष के एस ईश्वरप्पा ने इसका ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को सदन में भाषण देने से मात्र 15 मिनट पहले कॉपी दी गई...जिसे कांग्रेस नित सरकार ने जबरदस्ती ड्राफ्ट किया था। वहीं सिद्धारमैया ने बाद में ट्विट कर इन आरोपों को निराधार बताते हुए राष्ट्रपति को किसी पार्टी विशेष से ऊपर उठ एक राजनेता की तरह भाषण देने के लिए बधाई दी।