आम आदमी पर बोझ बढ़ायेगी GST, बढ़ेगी महंगाई: चिदम्बरम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
कराईकुडी: जीएसटी के मौजूदा स्वरूप को कांग्रेस आम आदमी के लिए अहितकारी मान रही है। अब पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम ने भी इस पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आम आदमी पर बोझ साबित होगा। लघु, छोटे और मंझोले व्यापारियों को यह बुरी तरह प्रभावित करेगा, क्योंकि जिस कानून को लागू किया गया है, वह वैसा नहीं है, जैसी योजना मूल रूप से बनाई गई थी। इससे कई चीजें महंगी हो जाएंगी। चिदंबरम ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नए कानून का मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधान अधिकारियों के हाथ में उत्पीड़न के औजार का काम करेगा।
पूर्व मंत्री ने कहा कि 80 प्रतिशत वस्तु व सेवाओं पर कर लगेगा और कीमतें बढ़ेंगी। उन्होंने कहा- महंगाई बढ़ेगी। सरकार इस बारे में क्या कर रही है? चिदंबरम ने कहा कि लघु, छोटे तथा मंझोले उद्यमी व व्यापारी बुरी तरह प्रभावित होंगे, क्योंकि नए कानून को अपनाने के लिए उनकी तैयारी नहीं है। उन्होंने कहा, 'व्यापारी वर्ग जीएसटी अपनाने के लिए कुछ समय चाहता था, लेकिन सरकार ने उन्हें वक्त देने से इनकार कर दिया।'
पूर्व मंत्री ने कहा कि समझौते के नाम पर एक 'अजीब व्यवस्था' बनाई गई है और कानून को जल्दबाजी में लागू कर दिया गया, जबकि कारोबारी ने कुछ और वक्त मांगा था, क्योंकि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। नए कानून के नतीजे कुछ वक्त बाद दिखाई पड़ेंगे। चिदंबरम ने कहा, 'यह असल जीएसटी नहीं है, जिसकी इच्छा कांग्रेस ने जताई थी और जिसे आदर्श रूप में विशेषज्ञों ने तैयार किया था। स्वरूप बदलकर लागू किया जाना दुखद है। इससे बदतर कानून और कोई नहीं हो सकता।'
पूर्व मंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार ने इस कानून के लिए काफी मेहनत की थी और उस वक्त भारतीय जनता पार्टी ने इसका बुरी तरह से विरोध किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए खुद नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा, 'बीजेपी जब विपक्ष में थी, तो उसने जीएसटी का पुरजोर विरोध किया था। इस तथ्य से कोई भी इनकार नहीं कर सकता।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी का मतलब होता है, एक कर और कांग्रेस ने 15 फीसदी के मानक दर को स्वीकार किया था, जिसमें एक फीसदी कम या ज्यादा को तरजीह दी गई थी। उन्होंने कहा, 'हम पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी दर पर कर 18 पर्सेंट से ज्यादा नहीं हो सकता। हमने इस बात को भी स्वीकार किया है कि मौजूदा आर्थिक हालात के मद्देनजर, कर की एक दर नहीं हो सकती।' पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि एक दर की अवधारणा के विपरीत नए कानून में कई दरें हैं- जीरो फीसदी, 2.5 फीसदी, 3 फीसदी, 5 फीसदी, 15 फीसदी, 18 फीसदी, 28 फीसदी और 40 फीसदी।
चिदंबरम ने दलील दी कि पेट्रोलियम, बिजली तथा ऐल्कॉहॉल जैसे कई उत्पाद जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा, 'ताज्जुब की बात है कि पेट्रोलियम और बिजली, जो देश की अर्थव्यवस्था का 35-40 फीसदी है, वे जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।'
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी के खिलाफ नहीं है, बल्कि जिस तरह और जिस बदले हुए स्वरूप में इसे लागू किया जा रहा है, वह उसके खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी का प्रभाव मुद्रास्फीति पर पड़ेगा। कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने को लेकर संसद के सेंट्रल हॉल में आधी रात को हुए समारोह का बहिष्कार किया था।