गुजरात में फिर से भाजपा राज, हिमाचल प्रदेश के 'हाथ' में भी खिला कमल लेकिन हार गए धूमल
किरण राय/सत्ता विमर्श ब्यूरो
गांधीनगर/शिमला : गुजरात में भारतीय जनता पार्टी लगातार छठी बार सरकार बनाने जा रही है। हिमाचल प्रदेश में भी कमल बेहतरीन तरीके से खिलकर बाहर आया है जहां कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने के जादुई आंकड़े से काफी पीछे छूट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं लोगों (गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश के लोगों) को विश्वास दिलाता हूं कि हम इन राज्यों की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने और लोगों की अथक सेवा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार को स्वीकार करते हुए कहा, ‘कांग्रेस जनादेश को स्वीकार करती है और दोनों राज्यों में बनने जा रही नई सरकारों को बधाई देती है। कांग्रेस की ओर से कड़ी चुनौती मिलने के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा,‘जो जीता वही सिकंदर।’ भाजपा ने जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों का नतीजा बताया, जबकि कांग्रेस को इस बात से थोड़ी राहत मिली है कि गुजरात में उसकी सीटों की संख्या में इजाफा हुआ है।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद हम इतना सह सकते हैं कि गुजरात की जनता जागरूक तो हुई है लेकिन अभी और जरूरत है। सूरत और राजकोट में ईवीएम टैंपरिंग का मुद्दा रहा है। मैं किसी पार्टी का पदाधिकारी नहीं हूं। मैं जल्द ही आंदोलन शुरू करुंगा। सूरत में सभाओं में इतनी भीड़ आई थी वहां भी ईवीएम को लेकर सवाल हैं। अगर एटीएम हैक हो सकते हैं तो ईवीएम क्यों नहीं। हम आरक्षण और किसानों के मुद्दे पर आंदोलन जारी रखेंगे। मैंने पहले ही कहा था कि रिजल्ट ऐसा आएगा ताकि कोई ईवीएम पर सवाल न उठा पाए।
गुजरात विधानसभा चुनाव अंतिम परिणाम | हिमाचल प्रदेश विस चुनाव अंतिम परिणाम |
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कुल सीटें-- 182 बहुमत का आंकड़ा-- 92 भारतीय जनता पार्टी-- 99 सीटें भाजपा को मिले मत प्रतिशत 49.1 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-- 77 सीटें कांग्रेस को मिले मत प्रतिशत-- 41.4 भारतीय ट्राइबल पार्टी-- 02 सीटें (0.7 % मत) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-- 01 सीट (0.6 % मत) जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी-- 03 सीटें नोटा को मिले मत प्रतिशत-- 1.8 प्रतिशत |
कुल सीटें-- 68 बहुमत का आंकड़ा-- 35 भारतीय जनता पार्टी-- 44 भाजपा का मत प्रतिशत-- 48.8 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-- 21 मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी-- 01 माकपा का मत प्रतिशत-- 1.5 कांग्रेस का मत प्रतिशत-- 41.7 जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशी-- 02 नोटा को मिले मत प्रतिशत-- 0.9 प्रतिशत |
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों और हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों के नतीजे लगभग आ चुके हैं। गुजरात में दिन भर आंकड़े ऊपर-नीचे होते रहे। हालांकि भाजपा ने निर्णायक बढ़त बनाए रखी। अंतिम रूप से घोषित नतीजों में गुजरात में भाजपा 99 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि बहुमत के लिए 92 सीटों की ही जरूरत है। इस प्रकार से भाजपा को बहुमत से सात सीटें अधिक मिली हैं। कांग्रेस को कुल 77 सीटें मिली हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 सीटें और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को एक सीटें मिली हैं। दो निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव जीते हैं जिसमें जिग्नेश मेवाणी को कांग्रेस ने समर्थन देते हुए अंतिम समय में अपने उम्मीदवार वापस ले लिए थे। इस प्रकार से कांग्रेस घटक को कुल 80 सीटें मिली हैं। राज्य में साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 115 और कांग्रेस को 61 सीटें हासिल हुई थीं। सीटों के लिहाज से देखें तो इस चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा को 16 सीटों का नुकसान और कांग्रेस पार्टी को 17 सीटों का सीधे-सीधे फायदा मिला है।
हिमाचल प्रदेश की बात करें तो पिछले कई चुनावों से सत्ता में बदलाव की चली आ रही परंपरा का निर्वाह हुआ है। भाजपा ने यहां कांग्रेस को हराकर सत्ता छीन ली है। यहां भी भाजपा बहुमत से 9 सीटें अधिक जीतकर बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। राज्य में भाजपा ने कुल 68 सीटों में से 44 सीटें जीत ली वहीं कांग्रेस के खाते में 21 सीटें गई हैं। एक सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को जीत मिली है। दो सीटें निर्दलीय के खाते में गई है। हालांकि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को हार का मुंह देखना पड़ा है। कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अर्की विधानसभा पर अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप जीत दर्ज की है।
मालूम हो कि हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को मतदान हुआ था जहां 74.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। गुजरात में दो चरणों में क्रमश: 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को मतदान कराए गए थे। चुनाव आयोग के मुताबिक गुजरात में दो चरणों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में औसत मतदान प्रतिशत 68.41 रहा। 2012 में भाजपा को गुजरात विधानसभा चुनाव में 48.30 फीसदी वोटों के साथ 115 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस 40.59 फीसदी वोटों के साथ 61 सीटें हासिल कर पाई थी।
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चुनाव परिणाम से पहले जारी एग्जिट पोल की बात करें तो गुजरात में भाजपा को पूर्ण बहुमत और कांग्रेस को कुछ सीटों का फायदा बताया गया था। यहां तो एग्जिट पोल का अनुमान सही निकला लेकिन सीटों के अनुमान को देखें तो वह पूरी तरह से गलत निकला। अगर सभी एग्जिट पोलों का औसत निकालें तो गुजरात में भाजपा को 182 में से 116 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था लेकिन उसके विपरीत उसे 17 सीटें कम आईं हैं। कांग्रेस को काफी कम सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था लेकिन असली नतीजों में उसे 77 सीटें और घटक मिलाकर 80 सीटें मिलीं।
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हिमाचल प्रदेश की बात करें तो राज्य में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। विभिन्न एग्जिट पोल में भाजपा के यहां आसानी से जीत दर्ज करने करने का अनुमान जताया गया था। सभी एग्जिट पोल का औसत निकालें तो यहां भाजपा के खाते में 68 में से 49 सीटें जाती दिखाई गई थी लेकिन अंतिम नतीजे में उसे सिर्फ 44 सीटें मिलीं। मतलब अनुमान से 5 सीटें कम मिलीं। अनुमान में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने की बात कही गई थी लेकिन 21 सीटें जीतकर एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए कांग्रेस यहां तैयार है। हिमाचल में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को सिर्फ 35 सीटों की जरूरत होती है।