मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रखा पक्ष, कहा- रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गईं राफेल की सीक्रेट फाइलें
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राफेल सौदे से संबंधित अति महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं। केंद्र ने कहा कि ये वही दस्तावेज हैं, जो मीडिया में दिखाए गए और 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 14 दिसंबर को सरकार को दी गई क्लीन चिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने हवाला दिया है।
भारतीय वार्ताकार दल (आईएनटी) के तीन सदस्यों द्वारा आठ पृष्ठों के नोट में व्यक्त की गई असहमति का जिक्र करते हुए महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ की पीठ को बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि दस्तावेजों को पूर्व कर्मचारियों ने चुराया या वर्तमान कर्मचारियों ने।
अटॉर्नी जनरल ने आईएनटी के तीन सदस्यों की टिप्पणी के संदर्भ में अंग्रेजी दैनिक 'द हिंदू' में प्रकाशित एक लेख का उल्लेख किया और कहा कि इसकी जांच की जा रही है। यह लेख अखबार के पूर्व संपादक एन. राम ने लिखे थे। अटॉर्नी जनरल ने राफेल से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले 8 फरवरी को अखबार में एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए आपत्ति दर्ज कराई। इस पर प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने जानना चाहा कि अगर ये दो लेख 'अनधिकृत' दस्तावेजों के आधार पर प्रकाशित हुए थे तो सरकार ने 8 फरवरी को इस स्टोरी के प्रकाशित होने पर सबसे पहले क्या कार्रवाई की। अदालत ने अटॉर्नी जनरल को रक्षा मंत्रालय से कथित तौर पर चोरी हुए दस्तावेजों पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी।
अटॉर्नी जनरल ने पुनर्विचार याचिका और अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के खिलाफ 'झूठी गवाही का मामला' शुरू करने की मांग वाली याचिका को खारिज करने की मांग की। इस पर अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण को अपना पक्ष रखने दीजिए कि आखिर वह क्या चाहते हैं और फिर अदालत तय करेगी कि इसके किस हिस्से को स्वीकार करना है। अटॉर्नी जनरल ने कहा- यहां आरटीआई एक्ट लागू नहीं होता। ये कागजात गोपनीय बताए गए थे, लेकिन इन्हें सार्वजनिक कर दिया गया। यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है.।
अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया का राफेल का पहला बैच सितंबर तक आ जाएगा। 52 पायलटों को फ्रांस दो या तीन महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, यदि अब सीबीआई जांच के निर्देश दिए जाते हैं, तो देश को भारी नुकसान होगा। हाल में हमारे देश पर बम बरसाने वाले पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों से अपने देश की रक्षा के लिए हमें राफेल लड़ाकू विमान चाहिए। राफेल के बिना हम उनका कैसे प्रतिरोध कर सकते हैं।